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उत्तराखंड के जंगलों में बेकाबू हुई आग, नैनीताल और बागेश्वर में हालात नाजुक; पौड़ी के DM ने एयरफोर्स से मांगी मदद

Uttarakhand Forest Massive Fire Update: उत्तराखंड के जंगलों में आग ने हालात बेहद खराब कर दिए हैं। आग के कारण वन्य जीवों और प्रदेश की वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं, आग को भड़काने और रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले लोगों के खिलाफ भी उत्तराखंड पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
04:20 PM May 06, 2024 IST | News24 हिंदी
उत्तराखंड के जंगलों में बेकाबू हुई आग  नैनीताल और बागेश्वर में हालात नाजुक  पौड़ी के dm ने एयरफोर्स से मांगी मदद
नैनीताल के जंगलों में आग।

Uttarakhand Forest Massive Fire: उत्तराखंड के जंगलों में आग बेकाबू हो गई है। अभी भी कुमाऊं मंडल के नैनीताल और अल्मोड़ा के जंगलों में धुआं निकल रहा है। गढ़वाल मंडल के पौड़ी में हालात बेहद खराब हो गए हैं। डीएम ने एयरफोर्स से मदद मांगी है। जंगलों से लगातार धुआं उठ रहा है। वहीं, ये भी सामने आया है कि कुछ लोग आग भड़काकर रील बना रहे हैं। पुलिस ने तीन युवकों को अरेस्ट किया है। ये युवक बिहार के हैं, जो रील में कहते दिख रहे हैं कि आग से बिल्कुल डर नहीं लगता। सोशल मीडिया पर रील वायरल होने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया है।

प्रशासन आग बुझाने में जुटा है, लेकिन उसके प्रयास सिरे नहीं चढ़ रहे। जिसके भारतीय वायुसेना से हेल्प मांगी गई। पता लगा है कि सेना का एक विमान आग बुझाने के लिए पौड़ी गया है। उत्तराखंड वन विभाग ने बताया है कि लगातार कुमाऊं और गढ़वाल में आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। जहां चीड़ के पेड़ अधिक है। गर्मी के मौसम में इनसे लीसा निकलता है, जिससे आग भड़क रही है। आग ने प्रदेश की वन संपदा को खूब नुकसान पहुंचाया है। पिथौरागढ़ में सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं।

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अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, बागेश्वर जैसे जिलों में कई घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन बागेश्वर और चंपावत में हालात कुछ नियंत्रण में हैं। गढ़वाल मंडल के नरेंद्र नगर, कोटद्वार, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, मसूरी, गोपेश्वर, रूद्रप्रयाग जैसे कई वन्यक्षेत्र आग के कारण तबाह हो चुके हैं। आग के कारण लगभग 749.6375 रिजर्व फॉरेस्ट एरिया (हेक्टेयर) को नुकसान पहुंचा है। वन अधिकारियों के मुताबिक आग से ज्यादा नुकसान कुमाऊं में अल्मोड़ा और गढ़वाल में पौड़ी जिले को पहुंचा है। अधिकतर मामलों में आग घास, पत्ती और पिरूल पर लगी है। जहां कम नुकसान हुआ है। वहीं, ग्राउंड फायर के मामले कम हैं, जब अधिक नुकसान होता हो। अभी कुछ इलाकों में आग लगी है। पौड़ी की आग को काबू करने के प्रयास जारी हैं। कई जगह आग पर काबू पा लिया गया है।

आग के कारण 3 लोगों की मौत

पौड़ी तहसील में आग बुझाने के प्रयास में एक 65 साल की महिला की मौत हो चुकी है। उसे झुलसने पर एम्स ऋषिकेश लाया गया था। वहीं, अल्मोड़ा के सोमेश्वर में दो लीसा श्रमिक भी आग से मर चुके हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि देहरादून में 7-8 मई को बारिश का अनुमान है। वहीं, 11 मई से तेज बारिश प्रदेश में हो सकती है। जिससे आग बुझ जाएगी। कुमाउं में 7 और गढ़वाल में 8 मई को बारिश हो सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को विशेष तौर पर आदेश जारी किए हैं। जिसमें सभी जिलाधिकारियों को सप्ताह भर में आग की निगरानी करने का नोटिस जारी किया गया है। वहीं, चारे को जलाने पर एक सप्ताह का बैन प्रदेश में लगाया गया है। सीएम ने लोगों से सहयोग की अपील की है।

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