मंत्री सतपाल का कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा, बेटे को मिले ठेके ने बढ़ाई मुसीबत, महाराज ने लिया फैसला!
Uttarakhand Satpal Maharaj News: उत्तराखंड में सियासी माहौल गर्म है। कांग्रेस राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का इस्तीफा मांग रही है। इस बीच मंत्री ने बयान दिया है कि वह अपने बेटे से कहेंगे कि टिहरी झील पर क्रूज चलाने के लिए दायर किए गए आवेदन को वापस ले ले। मंत्री का ये बयान उस समय आया है, जब सतपाल महाराज के बेटे सुएश रावत को टिहरी झील पर क्रूज चलाने के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया है। राज्य के पर्यटन विभाग की ओर से जारी इस टेंडर पर अब सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि सुएश के पिता सतपाल महाराज राज्य के पर्यटन मंत्री हैं।
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टेंडर के लिए 6 लोगों को किया शॉर्ट लिस्ट
दरअसल टिहरी स्पेशल एरिया टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी (TADA) ने टिहरी लेक पर क्रूज और हाउसबोट चलाने के लिए टेंडर जारी किया था। इसके लिए 25 आवेदन अथॉरिटी के पास पहुंचे थे। इनमें से 6 लोगों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था, जिनमें सतपाल महाराज के बेटे भी शामिल हैं। इनके अलावा टिहरी जिला पंचायत की चेयरपर्सन सोना सजवान के पति रघुनाथ सिंह सजवान का नाम भी शामिल है।
TADA राज्य सरकार के अधीन है। टेंडर के लिए शॉर्ट लिस्ट किए गए लोगों को 28 अगस्त के दिन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सामने प्रजेंटेंशन देना है। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी और सतपाल महाराज पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
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'बीजेपी ने नैतिकता को तिलाजंलि दी'
कांग्रेस विधायक दल के डिप्टी लीडर और खटीमा से विधायक भुवन चंद्र कापड़ी ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख के केस में भी यह नियम है कि परिवार का कोई भी सदस्य ब्लॉक स्तर पर काम नहीं कर सकता। यही नियम नगर पालिका और नगर निगम के लिए है। क्या यह नियम मंत्रियों के लिए लागू नहीं होता है?
कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि राज्य में अंधेर नगरी चौपट राजा का माहौल है। बीजेपी ने सारी नैतिकता ताक पर रख दी है।
महारा ने कहा कि सतपाल महाराज और जिला पंचायत चेयरमैन को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और इस मामले में गहन जांच होनी चाहिए।
बीजेपी ने किया बेटे का बचाव
उधर सतपाल महाराज ने कहा है कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, लेकिन इसके बावजूद अपने बेटे से कहूंगा कि वह विवाद को न बढ़ाते हुए अपना आवेदन वापस ले ले। उन्होंने कहा कि विवाद का कोई मतलब नहीं है। क्रूज के लिए टेंडर प्रक्रिया अभी शुरुआती स्टेज में है और अभी मंजूरी भी नहीं मिली है।
वहीं बीजेपी ने मंत्री के बचाव में कहा है कि राज्य में बहुत सारे बिजनेसमैन हैं, जो नियम कानूनों का पालन करते हैं, उन्हें किसी भी टेंडर में अप्लाई करने का हक है। यदि इनमें से कोई मंत्री का बेटा है, तो क्या गलत है। ऐसे में पूरी प्रक्रिया को संदेह की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।