‘वीरांगना’ उदा देवी और ‘महाराजा’ बिजली पासी कौन? अयोध्या के नए सांसद ने शपथ लेते समय लिया इनका नाम
Uttar Pradesh News: फैजाबाद के नए सांसद अवधेश प्रसाद ने ‘वीरांगना’ उदा देवी और ‘महाराजा’ बिजली पासी का जिक्र संसद में शपथ लेते समय किया था। दोनों प्रमुख हस्तियां दलित समुदाय से आती हैं। यही नहीं, खुद अवधेश प्रसाद भी पासी समुदाय से हैं और फैजाबाद लोकसभा सीट पर 3 लाख से अधिक पासी वोटर हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पासी समुदाय ने फैजाबाद में सपा को जमकर वोट किया, जिसके कारण यहां से भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। सबसे पहले उदा देवी का जिक्र करते हैं। उन्होंने 1857 के विद्रोह में भाग लिया था। उदा देवा का जन्म लखनऊ में हुआ था। वे अवध की बेगम हजरत महल की शाही रक्षक थीं। जिन्होंने लोगों को भी अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया।
उदा देवी ने मार गिराए थे 36 अंग्रेज
लखनऊ में गोमती नदी के पास अंग्रेजों से भीषण जंग 16 नवंबर 1857 को हुई थी। इस जंग में वे शामिल थीं। कहा जाता है कि उन्होंने एक पेड़ के ऊपर चढ़कर 36 अंग्रेज अधिकारियों को मारा था। हर साल यूपी के कई इलाकों में उनकी याद में 16 नवंबर को प्रोग्राम होते हैं। वहीं, बिजली पासी रायबरेली, लखनऊ, बहराइच, सुल्तानपुर, इलाहाबाद और बाराबंकी के पासी समुदाय में लोकप्रिय माने जाते हैं। इनका मध्यकाल में कई इलाकों में यूपी में राज रहा था। भाई दलदेव, काकोरन और बलदेव को भी पासी चेहरा माना जाता है। बिजली पासी के खंडहर आज भी मौजूद हैं। अब यूपी की राजधानी में भी पासी आइकन की प्रतिमा लगाई गई है। भाजपा की योगी सरकार ने बिजली पासी के किले को पर्यटन के तौर पर डेवलप करने के लिए पुनर्विकसित योजना का ऐलान किया है।
पासी यूपी की अनुसूचित जाति की आबादी में 7 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं। यूपी में जाटव के बाद सबसे बड़ा दलित समूह है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सपा के 5 पासी कैंडिडेट इस बार जीते हैं, जबकि भाजपा के तीन। यादव-मुस्लिम केंद्रित सपा को इस बार पासियों को साथ मिला है। फैजाबाद के अलावा कौशांबी, मोहनलालगंज, लालगंज और मछलीशहर से सपा ने पासियों को टिकट दिया और वे जीते। रिपोर्ट के मुताबिक अब सपा उदा देवी की पुण्यतिथि पर अपने मुख्यालय में कार्यक्रम करने जा रही है। जिसमें विद्रोह में उनके योगदान पर चर्चा की जाएगी।