हलफनामे में किस-किस संपत्ति को दिखा और छिपा सकते हैं प्रत्याशी, जानें क्या है सुप्रीम आदेश
Arunachal Pradesh MLA Karikho Kri: वह उम्मीदवार जो चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें अपनी चल संपत्ति का ब्योरा देने की जरूरत नहीं है। जब तक कि वह ऊंची कीमत वाली चल संपत्ति न हो। ऊंची कीमत वाली संपति वह है, जो लग्जरी लाइफस्टाइल को दिखाती है। उसका ब्योरा देना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के तेजू विधानसभा इलाके के निर्दलीय विधायक कारिखो क्रि के चुनाव को बहाल रखते हुए यह टिप्पणी की है। कारिखो क्रि का चुनाव गुवाहाटी हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। दलील दी गई थी कि वोटर का यह सम्पूर्ण अधिकार है कि वह एक उम्मीदवार के बारे में जानें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैंडिडेट की निजता का अधिकार कायम रखना होगा और ऐसे में कैंडिडेट का अपनी तमाम चल संपत्ति को उजागर न करना करप्ट प्रैक्टिस नहीं है। हां, अगर कैंडिडेट और उनके रिश्तेदार के पास ऊंची कीमत की घड़ी या कोई और चीज है, जो उनके लग्जरी लाइफस्टाइल को दिखाती है तो उसकी जानकारी देनी होगी।
हलफनामे में क्या-क्या जानकारी देनी होती है?
- कुल संपत्ति
- अचल संपत्ति
- चल संपत्ति
- निवेश
- बैंक में जमा राशि
- देनदारियां मूल्य (आगे कैटेगरी में सब-डिवाइडेड)
- आपराधिक मामले जो पेंडिंग हैं
- भूमि का स्वामित्व
- कृषि भूमि
- गैर कृषि भूमि
- रेजिडेंशियल बिल्डिंग (अपार्टमेंट समेत)
- व्यावसायिक इमारतें
- शैक्षणिक योग्यता
इनके अलावा, हलफनामे में उम्मीदवार को सोशल मीडिया हैंडल समेत सभी कॉन्टैक्ट डिटेल्ड देनी होती हैं। प्रत्याशी के बैंक खाते और पैन कार्ड की जानकारी भी मांगी जाती है।