संसद के मानसून सत्र में छाईं MP Kangana Ranaut, बोलने के अंदाज के कायल हुए सांसद
Kangana Ranaut: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं। कंगना का कोई ना कोई बयान उन्हें हर बार चर्चा में ले ही आता है। हालांकि इस बार भी एक्ट्रेस अपने बेबाक अंदाज के लिए ही चर्चा में आई हैं। दरअसल, संसद के मानसून सत्र में कंगना रौनत के भाषण ने हर किसी का ध्यान खींचा। सोशल मीडिया पर जैसे ही एक्ट्रेस का ये वीडियो सामने आया, तो इंटरनेट पर लोग एक्ट्रेस की तारीफ करने लगे।
संसद में बोलीं कंगना
संसद के मानसून सत्र में जब कंगना अपना भाषण देने के लिए उठीं, तो इस दौरान उन्होंने कहा कि माननीय अध्यक्ष महोदय जी, मैं मेरी और मंडी की जनता की तरफ से आपका अभिनंदन करती हूं। इस दौरान एक्ट्रेस ने कहा कि आपने मुझे पहली बार इस सभा में मंडी क्षेत्र के बारे में बोलने का मौका दिया। महोदय हमारी मंडी क्षेत्र में ऐसी बहुत सारी कला शैलियां हैं, जो विलुप्त हो रही हैं।
कंगना ने उठाए विलुप्त हो रहे मुद्दे
कंगना ने आगे कहा कि हमारे यहां एक घर बनाने की शैली है, जिसे काठ-कुणी शैली कहा जाता है वहां भेड़ और यॉक की ऊनों से वस्त्र बनाए जाते हैं। जैसे जैकेट, स्वेटर, टॉपी या शॉल, जिनका बाहर के देशों में बहुत मूल्य मिलता है, लेकिन हमारे यहां ये बिल्कुल विलुप्त हो रहे हैं, तो इनको बढ़ावा देने के लिए क्या कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही मैं ये भी कहना चाहूंगी कि हमारे हिमाचल का जो संगीत है, उनके जो कपड़े हो गए, जो ऑर्ट फॉर्म्स हैं, वो विलुप्त हो रहे हैं, तो उनके विषय में क्या कदम उठाए जा रहे हैं... धन्यवाद।
हाईकोर्ट में मांगा जवाब
गौरतलब है कि कंगना रनौत इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रही है। दरअसल, एक्ट्रेस की सांसदी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसके बाद कोर्ट ने एक्ट्रेस के खिलाफ नोटिस भी जारी किया। इस याचिका में कंगना की संसद सदस्यता को रद्द करने की मांग उठी है। हालांकि कोर्ट ने जो नोटिस जारी किया है, उसमें हाई कोर्ट ने कंगना से 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
क्या है मामला?
दरअसल, कंगना के खिलाफ ये याचिका राम नेगी ने की है। इस याचिका में कहा गया कि वो चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनके नामांकन पत्र को मंडी के चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया। इसलिए उन्होंने कोर्ट से कंगना के चुनाव को रद्द करने की मांग की है। बता दें कि राम नेगी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पूर्व कर्मचारी हैं।
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