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राजीव गांधी से कुर्सी छीनी... आडवाणी को जेल भेजा, वीपी सिंह कैसे बने प्रधानमंत्री?

Rajiv Gandhi vs VP Singh: भारत के ऐसे प्रधानमंत्री जो राजीव गांधी सरकार में रक्षा मंत्री थे लेकिन राजीव गांधी ने उन्हें जयचन्द कह दिया। इससे वह इतना नाराज हो गए कि उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जब चुनाव हुए तो उन्होंने राजीव गांधी को हरा दिया और खुद प्रधानमंत्री बन गए। उनका नाम वीपी सिंह है। जानें वीपी सिंह कैसे बने भारत के प्रधानमंत्री?
09:06 PM Apr 22, 2024 IST | Prerna Joshi

VP Singh Prime Minister Journey: 1986 में राजीव गांधी से वीपी सिंह के मतभेद शुरू हो चुके थे। जब वीपी सिंह राजीव गांधी सरकार में रक्षा मंत्री थे। वीपी सिंह ने बिना प्रधानमंत्री राजीव गांधी से पूछे ही HDW सबमरीन सौदे की जांच के आदेश दे दिए थे, जिससे राजीव गांधी नाराज हो गए थे। कांग्रेस के कई सांसदों ने वीपी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिसके बाद 12 अप्रैल 1987 को वीपी सिंह को रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। सरकार से इस्तीफा देने के बाद वीपी सिंफ बोफोर्स घोटाले को लेकर राजीव गांधी पर आरोप लगाने लगे, जिस वजह से उन्हें कांग्रेस से भी निकाल दिया गया।

कांग्रेस से निकाले जाने के बाद वीपी सिंह ने जन मोर्चा नाम से अपनी पार्टी बना ली। हालांकि, 1988 में ही उनकी पार्टी का विलय जनता में हो गया। लोकसभा चुनाव 1989 में वीपी सिंह ने बोफोर्स घोटाले को राजीव गांधी के खिलाफ मुद्दा बना लिया और खुलकर प्रचार करने लगे। वीपी सिंह ने नारा दिया 'राजा नहीं फकीर है, देश की तकदीर है।'

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