गजब! कैंसर से जूझ रहे शरणार्थी की 10 हजार करोड़ की लगी लॉटरी, चंदा लेकर खरीदा था टिकट
US News: आपको एक रोचक खबर से रूबरू करवा रहे हैं। इस बार 1.3 बिलियन डॉलर पॉवरबॉल जैकपॉट के विजेता एक अप्रवासी लाओस निवासी बने हैं। जो 8 साल से कैंसर का दंश झेल रहे हैं। पिछले सप्ताह ही उनकी कीमोथैरेपी हुई है। 46 वर्षीय पोर्टलैंड निवासी चेंग चार्ली सैफान ने ये जानकारी ओरेगॉन लॉटरी की ओर से करवाई गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि वे और उनकी 37 साल की वाइफ डुआनपेन आधा पैसा ले रहे हैं, बाकी राशि एक दोस्त को देंगे। मिल्वौकी के पोर्टलैंड की रहने वालीं 55 साल की लाइजा चाओ ने उनके साथ टिकट खरीदने को लेकर 100 डॉलर का भुगतान किया था।
ที่ #สหรัฐฯ ผู้อพยพจาก #ลาว ซึ่งกำลังต่อสู้กับ #โรคมะเร็ง มาแปดปีแล้ว ถูกรางวัลแจ็กพอต # Powerball มูลค่า 1.3 พันล้านดอลลาร์ใน #รัฐโอเรกอน
The winner of the $1.3 billion Powerball jackpot in Oregon last month is an immigrant from Laos who had been battling cancer for eight… pic.twitter.com/XtdFNilxLD
— pone poyepoloye (@motorwars) April 30, 2024
अब वे लोग सभी कर चुकाने के बाद 422 मिलियन डॉलर के मालिक होंगे। अब वे अपने परिवार के लिए अच्छे डॉक्टर की तलाश कर सकते हैं। वे परिजनों के अच्छे स्वास्थ्य और देखभाल के लिए सक्षम हो चुके हैं। सैफान के दो बच्चे हैं, जिसमें से एक को कैंसर है। अब वे सोच रहे हैं कि सारा पैसा खर्च करने के लिए समय कहां से निकाल पाएंगे। अब ये भी चिंता है कि कितने समय तक जीवित रह सकेंगे। चाओ ने सैफान को टिकटों की तस्वीर भेज कहा था कि वे अब अरबपति हैं। जिसको उन्होंने मजाक के तौर पर लिया। लेकिन एक दिन बाद वे जीत गए। चाओ काम पर जा रही थीं कि सैफान ने उसी वक्त फोन कर कहा कि अब काम करने की जरूरत नहीं है। उनका जन्म लाओस में हुआ था।
$1.3 Billion Powerball Jackpot Winner Is An Immigrant From Laos Battling Cancerhttps://t.co/MTTW0jsbEQ pic.twitter.com/dBdrA88h6t
— Forbes (@Forbes) April 30, 2024
इयू मियां की परंपरा में आए नजर, जंग में की अमेरिका की मदद
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी वे अपने पारंपरिक इयू मियां की तरह दिखे। जो दक्षिण चीन में दक्षिण पूर्व एशियाई समूह कहलाता है। वे मूल रूप से किसान थे और वियतनाम जंग में अमेरिका के मददगार रहे। बाद में वहां प्रतिशोध से बचने के लिए थाईलैंड भागे और बाद में अमेरिका आकर बस गए थे। अब पोर्टलैंड में उनके समुदाय के हजारों लोग रहते हैं। 1996 में उन्होंने स्नातक पास की। अब ये लोग यहां वेस्ट तट पर रहते हैं। बाद में मशीनिस्ट के तौर पर काम शुरू किया था। कुछ हफ्तों पहले उन्होंने कागज के टुकड़ों पर खेल के नंबर लिखे थे। बाद में तकिये के नीचे रखकर सो गए। सोचा था कि विजेता बनेंगे और बने भी। टिकट उन्होंने अप्रैल की शुरुआत में पोर्टलैंड के एक प्लेड पेंट्री स्टोर से लिया था। लॉटरी जीतने वाले को कंपनी पहले पहचान के लिए कई सुरक्षा और जांच प्रक्रियाओं से निकालती है।