whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

लगातार घटती आबादी से जूझ रहे 12 देश, बर्थ रेट बढ़ाने को अपना रहे ये उपाय

World News in Hindi: दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो लगातार अपनी बढ़ रही आबादी को लेकर परेशान हैं। कई देश ऐसे भी हैं, जो अपनी घट रही तादाद को लेकर परेशान हैं। ये देश जनसंख्या को बढ़ाने के लिए लगातार उपाय कर रहे हैं।
10:52 PM Jan 08, 2025 IST | Parmod chaudhary
लगातार घटती आबादी से जूझ रहे 12 देश  बर्थ रेट बढ़ाने को अपना रहे ये उपाय
(AI Generated Image)

World Latest News: एक अनुमान के अनुसार भारत की आबादी 140 करोड़ से पार हो चुकी है। भारत लगातार अपनी बढ़ रही जनसंख्या को लेकर चिंतित है। इस बीच आपको खास बात बताते हैं। दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो अपनी लगातार घट रही आबादी को लेकर चिंतित हैं। ये देश लगातार जनसंख्या को बढ़ाने के लिए उपाय कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी सफलता नहीं मिल रही। इन देशों की सरकारें लगातार महिलाओं से बच्चे पैदा करने की अपील कर रही हैं। वहीं, दूसरी ओर अधिक जनसंख्या को लेकर माना जाता है कि इससे नौकरियों की उपलब्धता कम होती है। वहीं, संसाधनों का अधिक दोहन होता है। जनसंख्या में बढ़ोतरी के लिए मुख्य तौर पर शिक्षा और जागरूकता में कमी को जिम्मेदार माना जाता है।

Advertisement

जापान, दक्षिण कोरिया, हॉन्गकॉन्ग, स्पेन, पोलैंड, ताइवान, मॉरीशस, यूक्रेन, बेलारूस, ग्रीस, इटली और मकाऊ ऐसे देश हैं, जहां जन्म दर में गिरावट रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। इन देशों की सरकारें लगातार उपाय कर रही हैं। जन्म दर में गिरावट का सिलसिला नहीं थमा तो इन देशों को अपना अस्तित्व ही दुनिया के नक्शे से गायब होने का डर है। पेशेवर जीवन और लगातार बढ़ रही निजी महत्वकांक्षाओं के कारण लोग बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं। कुछ लोग विवाह ही नहीं करवाते, कुछ लोग विवाह करवा लेते हैं, लेकिन बच्चे पैदा नहीं करते।

यह भी पढ़ें:Boby Chemmanur कौन? जिन पर मशहूर एक्ट्रेस ने लगाए आरोप, अर्जेंटीना के फुटबॉलर माराडोना को ला चुके भारत

Advertisement

लगातार घट रही जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कई नीतियां इन देशों ने लागू की हैं, ताकि लोगों को उच्च जन्म दर के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके। लगातार कम हो रही जनसंख्या को अर्थव्यवस्था और आर्थिक नीतियों के लिए भी खतरा माना जा रहा है। ऐसे में नीति निर्धारक नागरिकों के लिए ऐसी नीतियां बना रहे हैं, जिनसे वे अधिक बच्चे पैदा करने और गिरावट को रोकने के लिए तैयार हो जाएं।

Advertisement

उदाहरण के लिए जापान ने चार दिवसीय कार्य सप्ताह (Four day work week) की नीति लागू की है। इसका उद्देश्य विवाहित जोड़ों का ध्यान उनके पारिवारिक जीवन के प्रति केंद्रित करवाना है। लोग छुट्टी पर परिवार के साथ अधिक समय बिताएंगे तो कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार को लग रहा है कि अगर लोगों को पारिवारिक विकास के लिए अधिक टाइम मिलेगा तो जन्म दर में इजाफा हो सकता है। ताइवान ने अपनी तादाद बढ़ाने के लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है। सरकार ने लगभग 3 बिलियन डॉलर (21900 करोड़) का बजट विभिन्न योजनाओं और नीतियों के विकास के लिए जारी किया है।

ताइवान ने शुरू की पैटरनिटी लीव

ताइवान ने माता-पिता और परिवारों के लिए कई प्रकार की योजनाएं लागू की हैं। ताइवान ने अपने यहां 6 महीने की पैटरनिटी लीव देनी शुरू कर दी है। यही नहीं, शुरुआत में छुट्टी के दौरान कुल वेतन का 60 फीसदी मुआवजा अतिरिक्त भी दिया जा रहा था। बच्चे के जन्म को बढ़ावा देने और वित्तीय सुरक्षा के लिहाज से बाद में सरकार ने इसे 80 फीसदी तक कर दिया है।

यह भी पढ़ें:सेना की वर्दी में रील बनाकर पहले युवतियों को फंसाता, फिर करता था ठगी; फर्जी कैप्टन की ऐसे खुली पोल

परिवारों पर वित्तीय बोझ न पड़े, इसलिए टैक्स में भी कुछ हद तक राहत दी जा रही है। सरकार ने कई प्रकार की बाल सुविधाएं शुरू की हैं। कामकाजी माता-पिता के लिए कई अन्य प्रकार की सुविधाएं भी शुरू की गई हैं। ताइवान और दक्षिण कोरिया की औसत जन्मदर फिलहाल 1.1 है। संकट से निपटने के लिए साउथ कोरिया ने अलग से मिनिस्ट्री का गठन किया है। रूस से जंग के बीच यूक्रेन भी आबादी के संकट में है, जहां बर्थ रेट सिर्फ 1.2 है। इटली, स्पेन और पोलैंड औसत जन्मदर 1.3 और जापान में जन्मदर 1.4 है। घट रही आबादी से ग्रीस, बेलारूस, मॉरीशस भी परेशान हैं, जहां जन्मदर 1.4 है। प्रति 1000 लोगों पर कितने बच्चे पैदा होते हैं, उसके आधार पर जन्म दर का आकलन किया जाता है?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो