56 चोटें, गहरे जख्म, दागने के निशान और...8 साल की बेटी मां ने तड़पा-तड़पाकर मारी, बच्ची के आखिरी शब्द रुला देंगे
Daughter Tortured by Mother Till Death: 8 साल की बच्ची को उसकी मां और उसके प्रेमी में तड़पा-तड़पा कर मार डाला। वे उसे भूखा रखते थे, मारते-पीटते थे। उसे भरी ठंड में ठंडे पानी से नहलाते थे। यातनाओं की शिकार बच्ची ने दम तोड़ने से पहले शब्दों में अपना दर्द बयां किया था। बच्ची के लेटर्स को पुलिस ने अब दुनिया के सामने पेश किया है। 8 साल की भारतीय मूली की ब्रिटिश आयशा अली की 29 अगस्त 2013 को पूर्वी लंदन में घर में ही लाश मिली थी।
आयशा के शरीर पर 56 अलग-अलग चोटें, जलाने के दाग, काटने के निशान और खरोंचें मिलीं, लेकिन बच्ची की मां और उसके प्रेमी को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था। दोनों को साल 2015 में कुल 31 साल की सजा कोर्ट ने सुनाई। वहीं बच्ची के लेटर सामने आए तो पता चला कि एक मां जहां अपने बच्चे के लिए अपनी जान तक दे सकती है, वही मां क्रूर भी हो सकती है और अपने ही बच्चे की जान भी ले सकती है, वह भी इतनी बेरहमी से कि रूह कांप जाए।
मरने से पहले बच्ची ने एक नोट में बयां किया दर्द
द सन की रिपोर्ट में मरने से पहले बच्ची द्वारा लिखे गए खत प्रकाशित किए गए। लड़की ने अपने लेटर में लिखा कि उसे घर में बंद रखा गया था, जबकि उसकी उम्र के अन्य बच्चे साल 2013 की गर्मियों का लुत्फ उठा रहे थे। बच्ची की मां पोली चौधरी अपने पड़ोसी और प्रेमी किकी मुद्दर के साथ पार्टियां कर रही थी। पोली उसे गंदी बच्ची और उसके पिता को बेवफा मानती थी। इसलिए उसने आयशा के पिता को घर से निकलने के लिए मजबूर किया। इसके बाद किकी घर में आकर रहने लगा।
हाल ही में लिखी गई रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि आयशा ने मरने से पहले एक कागज़ पर लिखा था कि मैंने अच्छा बनने की कोशिश की। आज वीकेंड है और मेरे ज़्यादातर दोस्त शायद टीवी देखकर हंस रहे होंगे, जबकि मैं यहां बैठकर नोट्स बना रही हूं, क्योंकि मैं गंदी बच्ची हो, लेकिन मैं बदल जाऊंगी, चाहे कुछ भी हो! अगर मैं असभ्य रहूंगी तो कोई मुझे पसंद नहीं करेगा! बुरा, शरारती और मतलबी समझे जाने से बहुत दुख होता है। मुझे दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना पसंद नहीं है। मुझे सज़ा मिलना पसंद नहीं है, इसलिए मैं यह सुनिश्चित करुंगी कि मैं बदल जाऊं।
पड़ोसियों ने भी बच्ची को रात को रोते चिल्लाने सुना
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि पोली चौधरी ने आयशा के पिता से भी कहा था कि वह तुम्हारा गंदा खून है, जिसे वह अपने पास नहीं रखेगी। वह चुड़ैल है और वह उसे मार डालेगी। इसके बाद साल 2017 में जब किकी घर आकर रहने लगा तो मासूम आयशा अली की जिंदगी बद से बदतर हो गई। जिस दिन आयशा ने दम तोड़ा, उस दिन आयशा पर शॉवर हेड से बुरी तरह से हमला किया गया था। इसी चोट के कारण उसकी मौत हो गई। अपना गुनाह छिपाने के लिए किकी मुद्दर ने 999 पर कॉल करके पुलिस को बताया कि पोली चौधरी ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
उसने अपनी बेटी आयशा की हत्या कर दी है, लेकिन पोली चौधरी ने अपना गुनाह कबूल लिया और उसने किकी पर भी आयशा को टॉर्चर करने का आरोप लगाया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पर हत्या का केस चलाकर सजा सुनाई। आयशा के खत दोनों की क्रूरता और बेरहमी का सबूत बने। वे दोनों आयशा को रात में डरावने मुखौटे पहनकर डराते थे। पड़ोसियों ने भी आयशा को रोते-चिल्लाते हुए यह कहते सुना कि अमाह (मां), मैं बुरी नहीं बनना चाहती, अमाह, अमाह, मैं बुरी नहीं बनना चाहती। में न चेहरे बनाऊंगी, न झूठ बोलूंगी। असभ्य व्यवहार नहींकरुंगी और अपने जूते सही जगह पर रखूंगी। मैं आपको और किकी को निराश नहीं करुंगी।