AK-47 के बारे में तो सुना होगा, क्या जानते हैं इसका पूरा नाम? दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार
History Of AK-47 : अगर आपसे पूछा जाए कि 20वीं सदी का सबसे घातक हथियार कौन सा है तो शायद आपके दिमाग में सबसे पहले एटॉमिक बम का नाम आएगा। साल 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराया था जिसने 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। लेकिन, यह सबसे ज्यादा जानें लेने वाला हथियार नहीं है। इससे ज्यादा मौतों के लिए जो हथियार जिम्मेदार है उसका नाम है एके-17। इस बंदूक की वजह से कई लाखों की जान जा चुकी है। इस रिपोर्ट में जानें इस रायफल के इतिहास के बारे में।
एके-47 मूल रूप से खुफिया तौर पर सोवियत यूनियन की सेना के लिए डेलवप की गई थी। एक अनुमान के अनुसार अब तक इस रायफल के 1 करोड़ से ज्यादा मॉडल और वैरिएंट प्रोड्यूस किए जा चुके हैं। अब ये बंदूक पूरी दुनिया में मिलती है, यहां तक कि अमेरिका के कई नागरिकों के हाथों में इसे देखा जा सकता है। बता दें कि अमेरिकी नागरिकों ने साल 2012 में लगभग उतनी ही एके-47 रायफल खरीदी थीं जितनी रूस की पुलिस और सेना ने। इस रायफल को रूस के मिखाइल कलाश्निकोव ने डेवलप किया था और उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया।
American designer Eugene Stoner, creator of the AR-15, and Soviet engineer Mikhail Kalashnikov, creator of the AK-47, holding their and each other’s iconic inventions. pic.twitter.com/ZhIsHoixbu
— Blackburn firearms (@gunalbum) July 24, 2024
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कौन थे इसे बनाने वाले कलाश्निकोव?
10 नवंबर 1919 में जन्मे मिखाइल कलाश्निकोव दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सोवियत मिलिट्री में एक टैंक मैकेनिक थे। साल 1941 में सोवियत यूनियन पर जर्मनी के हमले के दौरान घायल हो गए थे। लड़ाई के दौरान जर्मनी के हथियारों की एडवांटेज देखते हुए कलाश्निकोव ने एक बेहतर हथियार बनाने की कसम खाई। मिलिट्री में रहते हुए ही उन्होंने इसके लिए कई डिजाइन बनाए। लेकिन, उनका सबसे महान आविष्कार एके-47 को माना जाता है। एके का मतलब आटोमेट कलाश्निकोव है और 47 इसलिए लगाया गया क्योंकि सबसे पहले इसे 1947 में बनाया गया था।
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साल 1949 में एके-47 सोवियत आर्मी की असॉल्ट रायफल बन चुकी थी। बाद में इसे कई अन्य देशों ने भी अपनाया और बहुत कम समय में यह हथियार पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गया। कलाश्निकोव सिर्फ इस रायफल को बनाकर ही नहीं रुक गए थे। समय के साथ उन्होंने इसमें सुधार लाने का काम किया और कई अपडेट किए। साल 1959 में उनकी एकेएम रायफल का प्रोडक्शन शुरू हुआ थ जिसने एके-47 के रिसीवर को रिप्लेस किया था। इससे इसका वजन कम करने और सस्ता करने में मदद मिली। एके-47 के मोडिफाइड वर्जन्स कई देशों में अब भी बनते हैं।
The King of Guns 👑
75 Years ago, The AK-47 Rifle was adopted into service. Its Reliability, effectiveness & ease of use have made Kalashnikov rifle the most widely used weapon in the world 🇷🇺
Mikhail Kalashnikov the maker of AK-47 🫡 pic.twitter.com/fRWIGi7Z5H
— Vivek Singh (@VivekSi85847001) June 19, 2024
इसलिए काफी जल्दी लोकप्रिय हो गई
एके-47 का प्रोडक्शन बाकी रायफल्स की तुलना में सस्ता था। इनका आकार भी छोटा था और वजन में भी हल्की होने के साथ इनका इस्तेमाल करना भी आसान था। कठिन परिस्थितियों में भी यह रायफल शानदार तरीके से काम करती थी। इसका बड़ा गैस पिस्टन और मूव करने वाले पार्ट्स के बीच का अंतर इसे जैम नहीं होने देता था। इसका मेंटेनेंस भी काफी कम था। इन सब कारणों की वजह से यह रायफल बहुत कम समय में दुनिया की सबसे लोकप्रिय रायफल बन गई थी।अमेरिका में इस रायफल की शुरुआत 50 डॉलर (लगभग 4100 रुपये) से हो जाती है।
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