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अक्साई चिन में चीन की नई काउंटी पर भारत का कड़ा विरोध; बताया ‘अवैध कब्जा’

शुक्रवार को भारत ने कहा कि उसने होटन प्रांत में दो नए काउंटी बनाने को लेकर राजनयिक माध्यमों से चीन के खिलाफ गंभीर विरोध दर्ज कराया है, क्योंकि इन क्षेत्रों के कुछ हिस्से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं।
10:03 PM Jan 03, 2025 IST | Ankita Pandey
अक्साई चिन में चीन की नई काउंटी पर भारत का कड़ा विरोध  बताया ‘अवैध कब्जा’
India China

Aksai Chin Dispute: भारत ने शुक्रवार यानी 3 जनवरी को अक्साई चिन में दो नए काउंटी बनाने के चीन के कदम की कड़ी आलोचना की है। साथ ही भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जे को अस्वीकार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 2025 की पहली ब्रीफिंग में इन काउंटियों के निर्माण को ' गैरकानूनी' बताया तथा कहा कि ये क्षेत्र इंडियन टेरिटरी में आते हैं। इन काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। ऐसे में इस भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। आइए पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

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बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा

जायसवाल ने आगे कहा कि नए काउंटियों के निर्माण से  भारत का यह स्पष्ट और दृढ़ रुख नहीं बदलेगा कि यह क्षेत्र भारत का है और न ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। हमने डिप्लोमेटिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ गंभीर विरोध दर्ज कराया है।
हेआन काउंटी और हेकांग काउंटी, झिंजियांग में होटन प्रान्त के अंतर्गत आते हैं। इनमें से एक काउंटी में 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल है, जिस पर भारत ने चीन पर अक्साई चिन में अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया है।

Leh-Ladakh

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सीमा मुद्दे पर मतभेद जारी

यह घोषणा इस महीने की शुरुआत में बीजिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हाई लेवल बाउंड्री नेगोशिएशन के तुरंत बाद की गई है। इन चर्चाओं के बावजूद, चीन के अपने इस कदम ने एक बड़ा झटका दिया है, जिससे संबंधों में और तनाव पैदा हो गया है। इसके चलते विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा कि भारत सीमा विवाद के लिए एक निष्पक्ष, उचित द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से चीन के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर मतभेद बने हुए हैं, भारत अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने वाली किसी भी कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध करता है।

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