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डायनासोर का इंसान से कनेक्शन आया सामने! 9000 साल पुरानी रॉक आर्ट से मिले संकेत

Humans And Dinosaurs: डायनासोर्स इस धरती पर करोड़ों साल पहले राज किया करते थे। लेकिन, बाद में उनका अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके हजारों-लाखों साल बाद इंसान इस धरती पर आए। अभी तक माना जाता रहा है कि डायनासोर्स के बारे में आधुनिक इंसान को पता चला था। लेकिन एक नई रिसर्च कुछ और ही कहानी बता रही है।
05:14 PM Jul 26, 2024 IST | Gaurav Pandey
डायनासोर का इंसान से कनेक्शन आया सामने  9000 साल पुरानी रॉक आर्ट से मिले संकेत
Representative Image (Pixabay)

Humans May Have Interacted With Dinosaurs : रिसर्चर्स ने ब्राजील में एक अनोखी डिस्कवरी की है जो इस बात की संभावना को बल देती है कि हजारों साल पहले भी इंसानों को डायनासोर्स के बारे में पता था और वह उन्हें लेकर क्यूरियस भी थे। दरअसल, यहां 9000 साल पुरानी एक रॉक आर्ट पर डॉयनासोर के पैरों के निशान मिले हैं। रॉक आर्ट का यह कलेक्शन ब्राील के साउसा बेसिन में स्थित सेरोटे डो लेट्रिएरो में मिला है। इसे लेकर एक रिसर्च पेपर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में पब्लिश हुआ है। आइए जानते हैं रिसर्चर्स की यह खोज कितनी अहम है और क्या नई बातें बताती है।

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इस स्टडी को अंजाम देने वाले लियोनार्डो पी ट्रोइयानो, हेलोइसा बी डोस सैंटोस और एलीन एम घिलार्डी के अनुसार प्रागैतिहासिक काल के शिकारियों ने ब्राजील में कई आकर्षक रॉक आर्ट डिजाइन या पेट्रोग्लिफ्स बनाई थीं। रिसर्च पेपर में कहा गया है कि शोधार्थियों ने सबसे पहले पेट्रोग्लिफ्स की पहचान साल 1975 में की थी। उन्होंने बड़े डायनासोर के फुटप्रिंट्स के पास इस तरह की आर्ट हाल ही में खोजी है। उल्लेखनीय है कि ये फुटप्रिंट्स उन डायनोसॉर्स के हैं जिनका अस्तित्व करीब 6 करोड़ साल पहले खत्म हो गया था। रिसर्चर्स का मानना है कि प्राचीन इंसानों ने जानबूझ कर ये आर्ट बनाई होंगी।

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खोज को लेकर क्या बोले रिसर्चर्स

इनमें से कुछ पेट्रोग्लिफ्स फुटप्रिंट से केवल 2 से 4 इंच की दूरी पर ही थे और कुछ में फुटप्रिंट की नकल करने की कोशिश भी की गई थी। इससे संकेत मिलता है कि उस काल के लोग डॉयनासोर्स के फुटप्रिंट्स को लेकर क्यूरियस थे। स्टडी के लीड ऑथर और ब्राजील के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्टोरिक एंड आर्टिस्टिक हेरिटेज में आर्कियोलॉजिस्ट लियोनार्डो ट्रोइयानो के अनुसार जिन लोगों ने ये पेट्रोग्लिफ्स बनाए उन्हें फुटप्रिंट्स के बारे में जानकारी थी इसीलिए उन्होंने आर्ट बनाने के लिए ये लोकेशन चुनी। प्राचीन इंसान इन फुटप्रिंट्स में रुचि रखते थे और मानते थे कि इनका कुछ न कुछ मतलब है।

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