अब AI कर देगा कोरोना के खतरनाक वैरिएंट्स की भविष्यवाणी! वैज्ञानिकों ने तैयार किया नया मॉडल
AI model to predict Covid-19 variants : एक समय में पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गए कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट्स इस दर्द में और इजाफा कर देते हैं। इस समय इसके JN.1 वैरिएंट ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। हालांकि, इसे लेकर एक राहत की खबर सामने आई है और यह राहत देने का काम किया है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने।
New #AI model to predict #Covid19 variant waves early
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— IANS (@ians_india) January 4, 2024
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एआई मॉडल तैयार किया है जो कोरोना वायरस के नए और खतरनाक वैरिएंट्स के आने से पहले ही उनके बारे में जानकारी दे देगा। बता दें कि अमेरिका के प्रख्यात मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के रिसर्चर्स ने इसके लिए एक नोवेल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल बना लिया है।
यह मॉ़डल कोरोना वायरस के उन वैरिएंट्स की भविष्यवाणी करने की क्षमता रखता है जिनके जरिए इससे संक्रमण की नई लहरों के फैलने की आशंका ज्यादा होगी। इसे महामारी मैनेजमेंट को लेकर एक प्रोएक्टिव इनोवेशन कहा जा रहा है जिसके जरिए संभावित लहरों को रोकने के लिए पहले से तैयारी करने में अहम मदद मिल सकेगी।
लाख जेनेटिक सीक्वेंस की हुई स्टडी
इस मॉडल को विकसित करने के लिए एमआईटी के स्लोएन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के रेट्सेफ लेवी के नेतृत्व में रिसर्च टीम ने SARS-CoV-2 के 30 देशों के 90 लाख जेनेटिक सीक्वेंस का अध्ययन किया है। इनके एनालिसिस से मिले पैटर्न्स का इस्तेमाल एक मशीन लर्निंग इनेबल्ड रिस्क असेसमेंट मॉडल बनाने में किया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार यह मॉडल हर देश में ऐसे 72.8 प्रतिशत वैरिएंट्स का पता लगा सकता है जो अगले तीन महीनों में 10 लाख लोगों में कम से कम 1000 मामलों का कारण बन सकते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि इसके लिए मॉडल को डिटेक्शन के बाद केवल एक सप्ताह के ऑब्जर्वेशन पीरियड की जरूरत होती है।
वहीं, अगर ऑब्जर्वेशन की अवधि दो सप्ताह रहती है तो इस मॉडल की ओर से लगाए जाने वाले अनुमानों के सही होने की दर 80.1 प्रतिशत बताई जा रही है। शोधार्थियों का कहना है कि इस क्षेत्र में और अधिक रिसर्च के माध्यम से इस मॉडलिंग अप्रोच को इंफ्लुएंजा, एवियन फ्लू वायरस समेत अन्य रेस्पिरेटरी वायरस को लेकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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