मैरीलैंड चिड़ियाघर में क्यों हुई इस पक्षी की हत्या? फिर जताया गया दुख, जानें मामला
World Latest News: बाल्टीमोर के मैरीलैंड में यूएस का तीसरा सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यहां स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अधिकारियों को एक उम्रदराज मेल पेंगुइन को मारने का फैसला लेना पड़ा। इस पेंगुइन को मारे जाने के बाद अधिकारियों ने दुख भी जाहिर किया। क्योंकि इस पक्षी ने चिड़ियाघर में 200 से ज्यादा संतानें पैदा की थीं। जिसकी वजह से इसका कुनबा बढ़ा और अपनी प्रजाति को विलुप्त होने से बचाया। चिड़ियाघर में पेंगुइन को मिस्टर ग्रीडी का नाम दिया गया था। मेल पेंगुइन 33 साल तक जीवित रहा। आमतौर पर पेंगुइन की उम्र 15 वर्ष तक मानी जाती है। चिड़ियाघर के पक्षी क्यूरेटर जेन कोटियन के अनुसार दुनियाभर में अफ्रीकी पेंगुइन की संख्या में निरंतर कमी हो रही है।
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इस पेंगुइन की पांच पीढ़ियों के 230 पक्षी चिड़ियाघर में हैं। जो उम्रदराज पेंगुइन के बेटे, नाति-नातिन, पोते, परपोते हैं। ये विलुप्त होने से बचने में कामयाब रहे। दुनियाभर में जिस हिसाब से पेंगुइन की संख्या घट रही है, उसको देखते हुए माना जा रहा है कि अगले दशक में पेंगुइन लुप्त हो जाएंगी। मिस्टर ग्रीडी का जन्म 1991 में हुआ था। 1994 में इसे प्रजनन के लिए दूसरी पेंगुइन के साथ रखा गया था। इस पेंगुइन के दौर में अमेरिका में पांच राष्ट्रपति बने। कोविड जैसी महामारी का सामना दुनिया ने किया।
We’re sad to share that Mr. Greedy, our oldest African penguin, has passed away. He leaves behind a lasting legacy for his endangered species. His mate, Mrs. Greedy, and 5 generations of their family continue to inspire at Penguin Coast. 🐧
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— Maryland Zoo (@marylandzoo) September 5, 2024
ग्रीडी नाम के पीछे ये है वजह
पेंगुइन का नाम ग्रीडी कैसे पड़ा? इसके बारे में जेन बताते हैं कि इसे मछली और घोंसले की सामग्री इकट्ठा करने का शौक था। जो दूसरी पेंगुइन पर जल्दी आक्रामक हो जाता था। जिस पेंगुइन के साथ इसने प्रजनन किया था, उसे मिसेज ग्रीडी नाम दिया गया है। जो अब चिड़ियाघर में बची सबसे उम्रदराज पेंगुइन है। बता दें कि उत्तरी अमेरिका में मैरीलैंड चिड़ियाघर अफ्रीकी पेंगुइन का सबसे बड़ा घर है। ये मूलत: नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के तट पर पाई जाती हैं। इस जू में अब तक 1000 पेंगुइन का सफलतापूर्वक प्रजनन किया जा चुका है। पहली बार इस जू में 1836 में पेंगुइन लाई गई थी।
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