लोग लहूलुहान, कर्फ्यू के बीच सड़कों पर सेना; 174 से ज्यादा मौतें...क्यों सुलग रहा भारत का ये पड़ोसी देश?
Bangladesh Violence Update: बांग्लादेश में रोजगार कोटे को लेकर जारी हिंसक विरोध शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक पुलिस 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट कर चुकी है। पुलिस और अस्पतालों की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 174 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सुरक्षाबल भी शामिल हैं। सरकारी नौकरियों में राजनीतिक हस्तक्षेप के विरोध में बांग्लादेश का अब तक का यह सबसे बड़ा हिंसक आंदोलन है। पीएम शेख हसीना के कार्यकाल में इससे पहले कभी ऐसा खराब दौर नहीं रहा। पूरे देश में कर्फ्यू लागू है।
सड़कों पर बिखरीं खून से सनी लाशें
सेना सड़कों पर है, इसके बाद भी खून से सनी लाशें बिखरी देखी जा सकती हैं। दक्षिण एशियाई देश में इंटरनेट कई दिन से बंद है। पूरे देश का माहौल अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया था। जिसमें उन लोगों की नौकरियों का कोटा कम कर दिया गया था, जो 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशज थे। इन्हीं स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल जीत हासिल की थी। बताया गया है कि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र संघ ने दो दिन के लिए आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान किया है। इसके नेता ने कहा कि वे लोग खून की कीमत पर सुधार के पक्ष में नहीं हैं।
यह भी पढ़ें:बांग्लादेश में नहीं थम रहा बवाल, हिंसा के बीच 500 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
वहीं, सेना प्रमुख का कहना है कि जल्द हालात नियंत्रण में लाए जाएंगे। ढाका में सड़कों पर भारी तादाद में फौज उतारी गई है। चौराहों पर बंकर बनाए गए हैं। सड़कों को कांटेदार तारों से अवरुद्ध किया गया है। इसके बाद भी मंगलवार को ज्यादा संख्या में लोग नजर आए। सड़कों पर ई-रिक्शा चालक भी दिखे। हनीफ नाम के एक रिक्शा चालक के अनुसार पिछले कई दिन से धंधा बंद था। भूखे मरने की नौबत आ गई। इसलिए अब विकल्प नहीं बचा था। अस्पताल में दाखिल स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के प्रमुख ने मीडिया के सामने अपनी जान को खतरा बताया है। उनके दल के चार नेता लापता हैं। हो सकता है कि पुलिस ने उनको उठाया हो। उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम तक उनको छोड़ा जाए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस एक्शन की आलोचना की।
Bangladeshi police killed a student, put his body on top of police vehicle and drove around the streets before dumping the body on the street. #Bangladesh #QuotaReform #QuotaProtest #SaveBangladeshiStudents #Dhaka #QuotaReformMovement pic.twitter.com/tLmoF2eosP
— 💖نازیہ چودھری 💖 (@NSC__01) July 20, 2024
संयुक्त राष्ट्र से दखल की मांग
बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक नेताओं से अपील की है कि वे हिंसा को समाप्त करने के लिए कदम उठाएं। 83 साल के अर्थशास्त्री ने कहा कि उनके माइक्रोफाइनेंस बैंक ने लाखों गरीब लोगों का उद्धार किया। लेकिन पीएम शेख हसीना की नीतियां गरीबों का खून चूसने के लिए बनाई गई हैं। युवाओं का सड़कों पर कत्लेआम किया जा रहा है। अस्पताल मारे गए लोगों की असली संख्या नहीं बता रहे हैं। राजदूत भी ढाका में सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठा चुके हैं। अमेरिकी राजदूत पीटर हास ने विदेश मंत्री से कहा कि उनको सरकार एकतरफा वीडियो दिखा रही है।
हिंसा के लिए 1200 लोग गिरफ्तार
पुलिस विपक्ष और प्रदर्शनकारियों को ही हिंसा के लिए दोषी ठहरा रही है। पुलिस के अनुसार हिंसा के लिए 1200 लोगों को अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा कुल 2580 लोगों को अलग-अलग मामलों में पकड़ा है। आधे लोग ग्रामीण और आधे लोग औद्योगिक इलाकों से पकड़े गए हैं। 600 लोगों को चटगांव से अरेस्ट किया गया है। आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश में 18 मिलियन लोग बेरोजगार हैं। 2018 से सरकारी भर्तियां बंद हैं। सरकार ने जून में भर्ती शुरू की थी। पहले स्वतंत्रता सेनानियों का कोटा 56 प्रतिशत था। जो सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 7 फीसदी कर दिया है। अब 93 फीसदी नौकरियां योग्यता के आधार पर दी जाएंगी। 76 वर्षीय शेख हसीना ने इस आदेश को सोमवार रात मंजूरी दे दी थी। 2009 से हसीना अब तक बिना किसी विरोध के 4 बार पीएम बन चुकी हैं।