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क्‍या चमगादड़ भी बस तस्‍वीरों में द‍िखेंगे? तेजी से हो रहे व‍िलुप्‍त, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

Bats Population declining in England: यूरोपीय देश ब्रिटेन में चमगादड़ों की संख्यां तेजी के कम हो रही है। कई लोग जलवायु परिवर्तन को इसका सबसे बड़ा कारण मान रहे हैं। हालांकि चमगादड़ों की विलुप्ती के पीछे कई वजहें जिम्मेदार हैं।
02:00 PM Jul 21, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Bats Population declining in England: जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। धरती का तापमान धीरे-धीरे गर्म हो रहा है। हालांकि जलवायु परिवर्तन को लेकर अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन में चमगादड़ों की संख्या तेजी से कम हो रही है। ज्यादातर चमगादड़ कुपोषण का शिकार हो गए हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अगर जलवायु परिवर्तन को रोका ना गया तो कुछ समय में चमगादड़ विलुप्त भी हो सकते हैं।

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कुपोषण का शिकार हुए चमगादड़

दरअसल इस साल गर्मी के मौसम में बारिश नहीं हुई है। ऐसे में कीट, तितलियां और पतंगों की संख्या कम हो रही है। चमगादड़ इन्हीं कीड़े-मकौड़ों को खाकर जिंदा रहते हैं। हालांकि कीड़े-मकौड़ों की घटती संख्या ना सिर्फ चमगादड़ बल्कि कई पक्षियों के लिए चिंता का सबब बन गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार कई चमगादड़ स्टार्विंग (भूख) और अंडरवेट (कम वजन वाले) जैसी समस्याओं का शिकार हो गए हैं। कई चमगादड़ों को देखभाल की मदद से बचाया गया है। आमतौर पर गर्मियों में जितने चमगादड़ होते हैं, इस बार उससे कम देखने को मिले हैं।

कीटनाशक भी है वजह

हालांकि कीड़े-मकौड़ों के कम होने का एकमात्रा कारण जलवायु परिवर्तन नहीं है। ब्रिटेन में पिछले काफी समय से कीटनाशक का इस्तेमाल हो रहा है। इससे कीड़ों की आबादी तेजी से घट रही है और पूरी फूड चेन प्रभावित हो रही है। बैट कंजर्वेशन ट्रस्ट के अनुसार कीटों में किसी प्रकार की कमी से चमगादड़ की 17 प्रजातियों में पर गलत असर पड़ा है। आलम ये है कि अब उनका अस्तित्व ही खतरे में आ गया है।

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मौसम की मार ने किया परेशान

ट्रस्ट की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच सालों में ब्राउन लॉन्ग ईयर्ड बैट और द हॉर्सशू बैट की आबादी 10 प्रतिशत कम हो गई है। चैरिटी बटरफ्लाई कंजर्वेशन की मानें तो तितलियों और पतंगों को उड़ने और संभोग करने के लिए गर्म-शुष्क मौसम की जरूरत होती है। हालांकि इस साल वसंत में मौसम काफी शुष्क था और भीषण गर्मी में बरसात नहीं हुई। इससे कीटों का प्रजनन कम हो गया और उनकी आबादी में गिरावट दर्ज की गई।

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