धमाके में उड़ाना था प्लेन लेकिन...11000 फीट ऊंचाई पर जवान ने लटककर कैसे डिफ्यूज किया बम?
Brave Soldier of Airforce Defused Bomb: एयरफोर्स के विमान को बम धमाके में उड़ाना था। इसके लिए एयरक्राफ्ट में बम इंप्लांट किया गया, जिसके बारे में तब पता चला, जब विमान आसमान में था। बम विमान के बाहरी हिस्से में लगाया गया था, जो डिटेक्टर में पकड़ा गया। क्योंकि एयरक्राफ्ट 11000 फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया था, इसलिए खराब मौसम से बम बर्फ से जम गया। दुश्मनों ने हमला करके उसका कपलिंग निकाल दिया, जिससे बम कभी भी फट जाता।
लेकिन एयरफोर्स ने जवान ने बहादुरी दिखाते हुए बम को डिफ्यूज कर दिया और अपने साथ-साथ अपने साथियों की जान बचा ली। करोड़ों के एयरक्राफ्ट और उसमें भरे हथियारों को भी खत्म होने से बचा लिया। बहादुर जवान ने अपनी जान पर खेलकर विमान में लगे बम को गिरा दिया। इस बहादुरी के लिए जवान को मेडल देकर सम्मानित किया गया, जो 11 सितंबर 2024 को नीलाम किया जाएगा, जिसकी कीमत करीब ढाई लाख रुपये (£2,200 से £2,400) है। यह नीलामी लंदन शहर में होगी।
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करीब 20 मिनट विमान के बाहर लटका रहा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटनाक्रम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान का है। फ्लाइट सार्जेंट ओल्डम ने 11000 फीट की ऊंचाई पर विमान से लटककर कुल्हाड़ी से बर्फ से जमे बम को गिरा दिया। उसके ब्लास्ट होने से पहले ही ओल्डम ने बहादुरी दिखाते हुए अपनी जान दांव पर लगाते हुए उसे विमान से अलग कर दिया। इस दौरान दुश्मन भी ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे, लेकिन
ओल्डम हमलों की परवाह किए बिना करीब 20 मिनट तक विमान से लटका रहा। क्रू मेंबर्स ने उसके पैरों को तब तक पकड़े रखा, जब तक वह बम को नीचे गिराने में सफल नहीं हो गया। जैसे ही बम गिरा, वह ब्लास्ट हो गया। इसके बाद ओल्डम और क्रू मेंबर्स ने राहत की सांस ली। फिर अपने दुश्मनों पर प्रहार करके उन्हें मार गिराया। ओल्डम की इस बहादुरी की चर्चा पूरी एयरफोर्स में हुई।
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नॉरमेंडी युद्ध क्षेत्र में हमले में मारा गया जवान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ओल्डम को ट्यूनीशिया पर RAF की छापेमारी के लिए भेजा गया था, तब उनकी उम्र 21 वर्ष थी। चालक दल ने वेलिंगटन की ओर उड़ान भरी, लेकिन विमान में बम इंप्लांट था, जो दुश्मनों के रडार में डिटेक्ट हो गया तो उन्होंने ब्रिटिश सेना के एयरक्राफ्ट पर हमला कर दिया।
दुश्मनों के 2 विमानों ने बम के कपलिंग को तोड़ दिया, लेकिन इससे पहले की वह ब्लास्ट होता, फ्लाइट सार्जेंट ओल्डम ने कुल्हाड़ी से अपने सिर और कंधों के सहारे विमान के धड़ में छेद करके बम को गिरा दिया। बता दें कि चेशायर में जन्मे फ्लाइट सार्जेंट ओल्डम ने युद्ध के दौरान कम से कम 43 उड़ानें भरीं। उन्हें 1943 में DFM की उपाधि से सम्मानित किया गया, लेकिन जुलाई 1944 में नॉरमैंडी युद्ध क्षेत्र में एक छापे के दौरान वे मारे गये।
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