हैंडवॉश, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क... अभी भी कोरोना लॉकडाउन में जी रहा ये परिवार; जानिए क्या है कारण
British Family Still Living In Coronavirus Lockdown: एक समय में पूरी दुनिया के लिए संकट का सबब बन गई कोरोना वायरस महामारी ने सबकुछ रोक दिया था। लंबे समय तक लगा लॉकडाउन, बिना मास्क कहीं जाने पर पाबंदी, बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की शुरुआत तभी हुई थी। हालांकि, अब यह महामारी पर लगभग काबू पाया जा चुका है और इसी के साथ इन नियमों की जरूरत भी नहीं रह गई है। लेकिन, ब्रिटेन का एक परिवार ऐसा है जिसे अभी भी कोरोना लॉकडाउन में रहना पड़ रहा है।
🇬🇧UK: Mum and son still living in COVID lockdown 'nightmare' wash shopping and social distance | https://t.co/RfqGXHxwFo
"Mason has Crohn's disease and is immunocompromised which means he could fall very ill if he catches COVID"https://t.co/m9g06q7QyP
— Denis - The COVID info guy - (@BigBadDenis) March 24, 2024
इंग्लैंड की एसेक्स काउंटी में रहने वाले इस परिवार को रोज अपना दिन उसी तरह बिताना पड़ता है जैसे 2020 में होता था। उस समय दुनिया कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का सामना कर रही थी। मैंडी मिल्ने (59) और उनके बेटे मेसन मिल्ने को अभी भी हर दिन लॉकडाउन में गुजारना पड़ता है। उनका कहना है कि वह अभी भी वैसी ही पाबंदियों के बीच रहने के लिए मजबूर हैं जैसी कोरोना वायरस के दौरान लागू की गई थीं। उल्लेखनीय है कि 4 साल पहले कोरोना के लिए जो नियम लागू किए गए थे वो इस परिवार के जीवन का आज भी हिस्सा हैं।
मार्केट या किसी प्रोग्राम में नहीं जा सकते
'द सन' की एक रिपोर्ट के अनुसार मैंडी और उनके पति गॉर्डन का कहना है कि हम सुपरमार्केट नहीं जा सकते। कुछ भी खरीदने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर देना पड़ता है। हम किसी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते हैं। अगर घर से निकलना है तो मास्क पहनना और हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर या हैंडवॉश लेकर चलना पड़ता है। लेकिन, अब आप सोच रहे होंगे कि इसके पीछे का कारण क्या है। दरअसल, इसके पीछे की वजह मेसन को हुई एक बीमारी है, जिसने उसके इम्यून सिस्टम को बहुत कमजोर कर दिया है।
आखिर किस बीमारी से जूझ रहा है मेसन
साल 2017 में मेसन को क्रोहन नामक बीमारी होने का पता चला था। क्रोहन बीमारी में शरीर के पाचन तंत्र की परत पर बुरा असर पड़ता है जिससे आंतों में सूजन आ जाती है। बता दें कि इस बीमारी को ठीक नहीं किया जा सकता है। बस दवाओं के जरिए इसके बढ़ने की रफ्तार को रोका जा सकता है। इसके लिए मेसन को रोज कीमोथेरेपी टेबलेट लेनी पड़ती हैं और हर 15 दिन पर एक इंजेक्शन लगाना होता है। उसके परिवार को डर है कि इम्यूनिटी बेहद कमजोर होने से अगर सतर्कता नहीं बरती तो मेसन की तबीयत ज्यादा बिगड़ सकती है।
Diet is an important contributor to Crohn's disease risk.@KenCroitoru shows recent data on Mediterranean-like dietary patterns associated with microbiome and lower intestinal inflammation #GMFH2024 pic.twitter.com/v2rPs0BHLe
— GutMicrobiota Health (@GMFHx) March 23, 2024
लॉकडाउन से ज्यादा खराब हालात हैं अब
मैंडी कहती हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान कुछ भी करना एक बुरे सपने के जैसा था, लेकिन हमारे लिए अभी भी हालात वैसे ही हैं। हम बाहर का कुछ भी छूने के बाद अपने हाथ धोते हैं। नियमित रूप से कोरोना जांच कराते हैं। मैं हमेशा अपने साथ मास्क लेकर चलती हूं। लेकिन इसे पहनने की जरूरत न पड़े इसके लिए लोगों के पास जाने से बचती हूं। मैंडी का कहना है कि इस समय हमारे परिवार के लिए स्थिति लॉकडाउन के मुकाबले कहीं गंभीर है। बता दें कि मेसन क्रोहन बीमारी के अलावा ऑटिज्म की समस्या से भी पीड़ित है।
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