दूध नहीं अब पॉल्यूशन से बनेगा मक्खन! इस स्टार्टअप ने ढूंढा तरीका, बिल गेट्स से मिली फंडिंग
Butter From Air Pollution : अगर आपसे पूछा जाए कि मक्खन कैसे बनता है तो नॉर्मल सी बात है आप कहेंगे दूध। जवाब भी सही है, लेकिन एक स्टार्टअप ने हवा में मौजूद प्रदूषण को मक्खन में बदलने का तरीका ढूंढ लिया है। इस स्टार्टअप को माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स से फंडिंग मिली है। यह अनोखा काम करने वाली इस कंपनी का नाम सेवर (Savor) है। इसने एक ऐसा प्रोसेस डेलवप की है जो हवा से कार्बन पॉल्यूशन को लेता है और इसे मक्खन में बदल देता है।
इस मक्खन की खास बात यह है कि यह असली मक्खन की ऑयल बेस्ड नकल से कहीं ज्यादा है। इस स्टार्टअप का मक्खन केमिकल रूप से पारंपरिक डेयरी बटर के समान ही है। सेवर की वेबसाइट के अनुसार यह कंपनी कॉर्बन डाइ ऑक्साइड जैसे कार्बन के सोर्स के साथ शुरुआत करती है। चेन बनाने के लिए थोड़ी हीट और हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है जिसे बाद में ऑक्सीजन के साथ ब्लेंड किया जाता है। इससे फैट्स और ऑयल्स बनते हैं। इस तरह हमें लजीज मक्खन मिलता है।
The American startup Savor has created butter that does not contain a single gram of animal fat. They literally synthesize it from air, using CO2, hydrogen, and oxygen.
Bill Gates himself has tried the butter and says that the taste is "like the real thing." Blind tastings… pic.twitter.com/AcR9NWclDH
— 𝕏 Ali Al Samahi 𝕏 (@alsamahi) July 19, 2024
इस तरह बनाया जा रहा है वायु प्रदूषण से मक्खन
जितने भी फैट मॉलीक्यूल्स होते हैं वो कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के एटम्स की चेन से बनते हैं। सेवल कंपनी मक्खन में पाए जाने वाले समान फैट मॉलीक्यूल्स को हवा में मौजूद पॉल्यूशन से बनाने का काम करती है। इससे जानवरों या फिर पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। उल्टे यह प्रक्रिया पर्यावरण के लिए अच्छी मानी जा रही है क्योंकि इसमें पॉल्यूशन को एक प्रोडक्ट में बदला जा रहा है और इससे डेयरी प्रोडक्शन के पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को भी अवॉइड किया जा सकता है।
Startup Savor has developed a butter prototype made from CO2 + hydrogen that they say has the same taste and functional properties as dairy butter but uses a tiny fraction of land and water compared to conventional dairy production. Read more 👉 https://t.co/mXs3xvZ1WV pic.twitter.com/ULveGMSCf6
— The Good Food Institute (@GoodFoodInst) July 25, 2024
असली बटर के मुकाबले कार्बन फुटप्रिंट भी कम!
डेयरी और मीट इंडस्ट्री हमारे पर्यावरण में प्रदूशक गैसेज का एक बड़ा सोर्स है। संयुक्त राष्ट्र फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के अनुमान के अनुसार डेयरी और मीट फार्मिंग हमारे वातावरण में इंसानों की वजह से होने वाले जहरीले पॉल्यूशन में 14.5 प्रतिशत की हिस्सेदार है। सेवर के इस अनोखे मक्खन के बारे में कहा जा रहा है कि एनिमल बेस्ड बटर के मुकाबले इसका कार्बन फुटप्रिंट काफी कम है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेवर की यह खोज फूड इंडस्ट्री में नई क्रांति ला सकती है।