सुचिर बालाजी ने क्यों उठाए थे OpenAI और ChatGPT पर सवाल? मां ने खोले चौंकाने वाले राज
World Latest News: ChatGPT-parent OpenAI के पूर्व शोधकर्ता ने अक्टूबर में कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि चैटजीपीटी कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन कर रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू के एक महीने बाद ही वे सैन फ्रांसिस्को स्थित फ्लैट में मृत मिले थे। साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी एआई मॉडल को डेवलप करने के लिए इंटरनेट डाटा का गलत उपयोग कर सकती है। यह कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन है। गुरुवार को बिजनेस इनसाइडर के साथ एक साक्षात्कार में सुचिर बालाजी की मां पूर्णिमा रामाराव ने चौंकाने वाले राज खोले हैं। उन्होंने ChatGPT-parent OpenAI से क्यों इस्तीफा दिया था?
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मां ने आरोप लगाया कि कंपनी लगातार गलत फैसले ले रही थी। उनके बेटे का मानना था कि कंपनी की सोच अब गैर लाभकारी नीति से भटक चुकी है। कंपनी सिर्फ और सिर्फ अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए काम कर रही है। ओपनएआई की ओर से चैटजीपीटी लॉन्च किया गया था। जिसके बाद बेटा तनाव में रहने लगा था। बेटे को लगता था कि एआई का उपयोग मानवता के लिए सही नहीं है। ओपनएआई की नीतियां उनके बेटे के आदर्शों के खिलाफ थीं। जिसकी वजह से वह तनाव में आ गया था। दबाव के चलते उसने थक-हारकर अगस्त में रिजाइन कर दिया। मां के अनुसार बेटा शुरू से ही होशियार था।
"Suchir's contributions to this project were essential, and it wouldn't have succeeded without him," said OpenAI co-founder John Schulman in a social media post memorializing Balaji.https://t.co/XkTDdWHerZ pic.twitter.com/eNHjqEGJUH
— Suchir | Justice Movement (@SuchirJustice) December 23, 2024
शुरू से ही होनहार थे सुचिर
दो साल की उम्र में ही कठिन से कठिन शब्द बोलने लगा था। 11 साल की उम्र में कोड करना सीख गया था। सुचिर बालाजी ने महज 14 साल की उम्र में ही चिप डिजाइन पर साइंटिफिक लेटर लिख दिया था। 17 साल की उम्र में बेटे को knowledge sharing platform Quora में जॉब मिल गई थी। मां बताती है कि बेटा 5 साल की उम्र से ही असाधारण काम करने लगा था। वह गलतियां नहीं करता था। ओपनएआई से जुड़ने के बाद शुरू में बेटे ने काफी बेहतरीन काम किए। लेकिन बाद में कंपनी की नीतियों की वजह से उसका उत्साह कम हो गया।
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शुरुआत में सुचिर ने कंपनी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों पर काम किया था। लेकिन अगस्त में इस्तीफा देना काफी चौंकाने वाला फैसला था। जब बेटे ने साक्षात्कार दिया तो परिवार की चिंताएं बढ़ गई थीं। एक मां होने के नाते उन्होंने इंटरव्यू देने पर बेटे को डांटा भी था। मां ने कहा था कि इस तरह ओपन साक्षात्कार क्यों दिया? नाम और पहचान बताए बिना भी साक्षात्कार दिया जा सकता था। लेकिन सुचिर ने मां को भरोसा दिया था कि वे लोग उनकी बातों को समझते हैं। अब मां का मानना है कि बेटा कॉरपोरेट कल्चर को नजदीक से समझ नहीं पाया। 21 नवंबर को ही उसने अपना 26वां जन्मदिन मनाया था।
मां ने मौत पर उठाए सवाल
अगले दिन पापा और मम्मी से बात हुई थी, तब वह काफी खुश दिख रहा था। कुछ ही दिन बाद सुचिर बालाजी की मौत की खबर आई। मां के अनुसार कई दिन से बेटे से संपर्क नहीं हो पाया था। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस अपार्टमेंट में पहुंची तो पता लगा कि बेटे ने सुसाइड किया है। लेकिन वे लोग इसे सही नहीं मानते। मां ने मौत पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कुछ ही दिन में ऐसा क्या बदल गया था? मां के अनुसार उनको अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट की पूरी जानकारी नहीं दी गई है। रामाराव ने कहा कि वे अपने वकील के माध्यम से न्याय की मांग को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं।