खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

बिना हाथ-पैर बच्चों का जन्म, हर दूसरे घर में कैंसर का मरीज! इस देश में फैली अजीब बीमारी

आक्रामक नीति, तानाशी रवैया और जंग की मानसिकता रखने वाला यह देश रहस्यमयी बीमारी का शिकार हो रहा है। यहां बच्चों का जन्म बिना अंगों के हो रहा है। इसके अलावा कैंसर भी यहां आम बीमारी हो गई है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
07:54 PM Aug 02, 2024 IST | Gaurav Pandey
Representative Image (Pixabay)
Advertisement

Ghost Disease : उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जहां तानाशाही है, लोकतंत्र का नाम नहीं है। लोगों को बेसिक सुविधाएं तक नहीं मिल पाती हैं। पहले ही कई संकटों का सामना कर रहे इस देश के लोगों के सामने अब एक और बड़ा संकट एक रहस्यमयी बीमारी के रूप में खड़ा हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार यहां बच्चों का जन्म हाथ, पैर या अन्य अंगों के बिना हो रहा है। डेलीमेल की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया से भागने में सफल हुए कुछ लोगों ने बताया कि यह बीमारी देश के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन की परमाणु हथियारों की टेस्टिंग साइट के पास से फैली है। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और कितना गंभीर है।

Advertisement

यह कहानी बताई है यूंग्रान ली ने जो साल 2015 में नॉर्थ कोरिया से भाग गई थीं। उन्होंने कहा कि पुंग्ये-री टेस्ट साइट के आस-पास के इलाके एक बेहद डरावनी बीमारी का सामना कर रहे हैं। यह बीमारी लोगों की जान ले रही है और बच्चों को कोख में ही अपना शिकार बना लेती है। इसकी वजह से बच्चे बिना अंगों के पैदा हो रहे हैं। डॉक्टर्स को इस बीमारी के बारे में कुछ नहीं पता है। ली ने कहा कि किलजू काउंटी में नागरिक बीमारियों से परेशान हैं और कोई नहीं जानता कि इसका कारण क्या है। यहां अस्पतालों में डॉक्टर बीमारियों को डायग्नोस नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा लगभग हर दूसरे घर में कोई न कोई व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है।

न दवाई है, न डॉक्टरों को कुछ पता है

ली बताती हैं कि एक न्यूक्लियर टेस्टिंग जोन के पास रहने के बहुत नुकसान हैं। वह याद करती हैं कि जब सेना वहां हथियारों की टेस्टिंग करती थी तो उनके घर की दीवारें और फर्नीचर हिलने लगते थे, मानो भूकंप आ गया हो। उनका बेटा भी इसी रहस्यमयी बीमारी का शिकार हो गया था जिसकी मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया में संयुक्त राष्ट्र की ओर से आने वाली दवाईयां सरकारी अधिकारी अपने पास रख लेते हैं। फ्री हेल्थकेयर के वादों के बाद भी यहां फार्मेसियों में दवाओं की अलमारियां खाली ही देखने को मिलती हैं। उनका बेटा 27 साल की उम्र में बीमार पड़ा था। तब दवाई के लिए उन्हें ब्लैक मार्केट का रुख करना पड़ा था।

Advertisement

रेडिएशन है इन बीमारियों का कारण?

चीन से स्मगलिंग के जरिए आई इन दवाईयों से राहत नहीं मिली तो उन्होंने बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया। ली कहती हैं कि एक डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरे बेटे के फेफड़ों में छेद थे। उसने यह भी कहा था कि उसे पता ही नहीं है कि इतनी ज्यादा संख्या में कम उम्र के मरीज अस्पताल क्यों पहुंच रहे हैं। आखिरकार उनके बेटे की जान चली गई। इतना ही नहीं ली के 7 करीबी दोस्त थे, साल 2012 में उन्हें टीबी होने की जानकारी सामने आई और 4 साल के अंदर आठों की मौत हो गई। इन सब घटनाओं के बाद उन्होंने उत्तर कोरिया छोड़ने और आजाद समाज में जीने का फैसला किया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन अजीब बीमारियों का कारण रेडिएशन है।

ये भी पढ़ें: सड़कों पर रेट कार्ड के साथ ‘प्यार’ बेच रहीं लड़कियां

ये भी पढ़ें: ईरान ने क्यों खाई इजराइल को खत्म करने की कसम

ये भी पढ़ें: भारी-भरकम Aircraft Carriers की रफ्तार कितनी?

Open in App
Advertisement
Tags :
Kim Jong UnNorth KoreaSpecial-Nerws
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement