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चीन ने क्यों लगाए Toilets पर Timers? टूरिस्ट्स की प्राइवेसी पर भी ड्रैगन की नजर!

Unesco World Heritage Site Yungang Buddhist Grottoes: चीन हमेशा अपने विवादित फैसलों के लिए बदनाम रहा है। यहां तक कि वह अपने नागरिकों की प्राइवेसी से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आता। कुछ ऐसा ही निर्देश अब चीन ने टूरिस्टों को लेकर दिया है। जिसके बाद उसके फैसले की किरकिरी हो रही है।
09:08 PM Jun 14, 2024 IST | Parmod chaudhary
चीन ने क्यों लगाए toilets पर timers  टूरिस्ट्स की प्राइवेसी पर भी ड्रैगन की नजर
चीन में शौचालयों पर लगाए टाइमर।

China Install Timer On Toilets: चीन हमेशा ही अपने लोगों की प्राइवेसी पर नजर रखने के लिए बदनाम रहा है। लोगों के ऊपर मनमाने फैसले थोपना ड्रैगन की पुरानी आदत रही है। इसी कड़ी में एक और विवादित फैसला ड्रैगन ने ले लिया है। अब चीन में पब्लिक टॉयलेट्स पर टाइमर इंस्टॉल किए गए हैं। सोशल मीडिया पर लगातार इसका विरोध हो रहा है। टाइमर से यह पता लगेगा कि शौचालय के अंदर कौई है या नहीं? अगर टॉयलेट खाली होगा, तो ग्रीन लाइट जलेगी। इससे नॉक कर पता करने की जरूरत नहीं होगी कि अंदर कौन है?

जो वीडियो और फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हैं, वह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल युंगांग बौद्ध ग्रोटोज के बताए जा रहे हैं। चीन के युंगांग में 1500 साल पुरानी लगभग 51 हजार प्रतिमाएं मौजूद हैं, जो 252 गुफाओं में स्थापित की गई हैं। पिछले साल की बात करें, तो यहां लगभग 30 लाख से अधिक पर्यटक आए थे। इसी जगह पर बनाए गए शौचालयों में टाइमर लगाए जाने की बात सामने आई है। हर टॉयलेट में अलग डिजिटल टाइमर लगाया गया है। जो बताता है कि अंदर कोई है या नहीं? यह टाइमर अंदर से कुंडी लगा लेने के बाद पूरी टाइम काउंट करता है। जिससे पता लग जाता है कि अंदर गया व्यक्ति कितनी देर से टॉयलेट में है।

टॉयलेट खाली है तो आएगा ग्रीन मैसेज

इसके बाद जैसे ही टॉयलेट खाली होगी, तो एलईडी स्क्रीन पर ग्रीन मैसेज आएगा कि टॉयलेट खाली है। कई यूजर्स की ओर से तीखे कमेंट वायरल वीडियो पर दिए जा रहे हैं। कुछ लोगों ने मजाकिया लहजे में कमेंट किए हैं। इन लोगों का कहना है कि अच्छा है, अब लोग अंदर बैठकर मोबाइल का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। कई यूजर्स ने इसका विरोध जताया है। यूजर्स ने कहा है कि पर्यटक स्थल कोई कार्यालय नहीं है। जिसकी निगरानी की जरूरत पड़े। वास्तव में यह काफी गलत तरह का प्रयोग है। टाइमर लगाने से बेहतर था कि अधिक शौचालय बनाए जाते।

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हालांकि टाइमर लगाकर कोई टाइम लिमिट तय नहीं की गई है। ये टाइमर वहां लगाए गए हैं, जहां आगंतुकों की तादाद बढ़ रही है। इससे यह जरूर पता लग जाता है कि कितनी देर पहले दरवाजा लॉक किया गया, कितनी देर में खुल जाएगा? न ही लोगों को लाइन में लगना पड़ता है। सही जानकारी मिल जाती है।

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