चीन को सबसे बड़ा झटका! ट्रंप के टैरिफ से युआन रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा, 2 और देशों को नुकसान
Yuan Hits Record Low in Offshore Trading: दुनिया के सबसे बड़े देश चीन को आज बहुत बड़ा झटका लगा है। आज सोमवार को कई देशों की मुद्रा पिछले कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई है। दरअसल, आज अमेरिकी डॉलर में काफी उछाल आया, वहीं चीन का युआन ऑफशोर ट्रेडिंग में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। मैक्सिको का पेसो और कनाडा का डॉलर भी कई वर्षों के बाद निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था और यह वादा बीते दिन पूरा भी कर दिया, जिसका असर आज इन तीनों देशों की करेंसी पर देखने को मिला। यूरो भी साल 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंचा और बिटकॉइन 100000 डॉलर से नीचे लुढ़क गया है। इसका असर वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर पर देखने को मिलेगा।
मार्केट में इस तरह गिरी फॉरेन करेंसिों की वैल्यू
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल मार्केट में आज अमेरिकी डॉलर 0.7% बढ़कर 7.2552 युआन पर पहुंच गया, जबकि पहले यह 7.3765 युआन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। चीन में बाजार चंद्र नववर्ष के लिए बंद रहेंगे और बुधवार को फिर से कारोबार शुरू होगा। वहीं अमेरिकी मुद्रा 2.7% चढ़कर 21.40 मैक्सिकन पेसो पर पहुंच गई, जो मार्च 2022 के बाद से इसका उच्चतम स्तर है और 1.4% बढ़कर C$1.4755 हो गई, जो 2003 के बाद से नहीं देखा गया स्तर है।
कनाडा, मैक्सिको, चीन की जवाबी कार्रवाई की तैयार
बता दें कि अमेरिका ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगा दिया है। कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी और चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। तीनों देशों को डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले का आज नुकसान उठाना पड़ा। इसलिए कनाडा और मैक्सिको ने भी अमेरिका को उसी की भाषा में जवाब दिया और भारी भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। चीन ने भी अमेरिका को WTO में ले जाने का फैसला लिया है।
मार्केट एनालाइजर टोनी साइकैमोर के अनुसार, आश्चर्य की बात यह है कि कनाडा और मैक्सिको ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और अन्य देश चीन और यूरोपीय संघ भी उनका अनुसरण कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा। अमेरिका ने अवैध प्रवासियों और नशीली दवाओं के बिजनेस को कंट्रोल करने के लिए टैरिफ लगाया है।
दूसरी ओर, भारत पर भी इसका असर पड़ सकता हे, लेकिन भारतीय वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की नई सरकार भारत को लेकर क्या कदम उठाती है, यह अभी अनिश्चित है, लेकिन हम तैयार हैं और विभिन्न मंत्रालयों के बीच विमर्श हो रहा है कि अगर अमेरिका भारत पर टैरिफ लगाता है तो प्रतिक्रिया कैसी होनी चाहिए?
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