Israel vs Iran: किसमें कितना है दम... किसके पास कितनी मिलिट्री पावर? सीधी लड़ाई में एयरफोर्स है गेमचेंजर
Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जंग के हालात बने हुए हैं। गाजा और लेबनान में इजरायल के हमले के बाद ईरान ने भी इजरायल पर 180 के करीब मिसाइलों से हमला बोल दिया है। माना जा रहा है कि ईरान ने अपनी मिसाइलों से मोसाद के हेडक्वार्टर और दो एयरबेस को टारगेट किया है। दोनों देशों के बीच हिंसक संघर्ष से पूरे मिडिल ईस्ट में बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।
ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि इजरायल और ईरान की मिलिट्री ताकत क्या है? हालांकि ये तुलना करते वक्त ध्यान रखना होगा कि अमेरिका, हर समय और हर वक्त इजरायल की मदद के लिए तैयार रहता है। मिडिल ईस्ट में अमेरिकी बेस से इजरायल को पूरी मदद मिलती है और ईरान के मिसाइल हमले को रोकने में भी अमेरिका ने इजरायल की मदद की है।
ग्राफिक्स में देखें इजरायल और ईरान की सैन्य क्षमताः सोर्सः ग्लोबल फायर पावर डॉट कॉम
मिडिल ईस्ट में ईरान के सबसे बड़े मददगार हिज्बुल्लाह और हमास हैं। वहीं यमन के हूती विद्रोही और इराक के शिते मिलिशिया भी ईरान के सहयोगी के तौर पर काम करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल लंबे समय से कई मोर्चों पर युद्ध की तैयारी कर रहा है। इसलिए उसने आयरन डोम, पैट्रियाट, मैजिक वैंड और एरो सिस्टम जैसे अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम विकसित किए हैं। मिडिल ईस्ट में इजरायल की पॉलिसी 'अटैक इज द बेस्ट डिफेंस' रही है।
ये भी पढ़ेंः मोसाद हेडक्वार्टर और दो एयरबेस; इजरायल में ईरान का मिसाइल हमला कितना सफल?
ईरान और इजरायल की तुलना
दोनों देशों की सैन्य क्षमता की तुलना करें तो कोई खास अंतर नजर नहीं आता है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के मुताबिक ग्लोबल रैंकिंग में ईरान 14वें स्थान पर है, जबकि इजरायल 17वें स्थान पर है। तेहरान (ईरान) और यरूशलम (इजरायल) के बीच 1850 किलोमीटर की दूरी है। ऐसे में इन दोनों देशों के बीच परपंरागत युद्ध जैसी स्थिति बननी मुश्किल है। इसलिए दोनों देशों के बीच मुख्य तौर पर हवाई युद्ध देखने को मिल सकता है। इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले से यह स्पष्ट है।
एयरफोर्सः किसमें कितना है दम
इजरायल एयरफोर्स के मामले में ईरान से आगे है। ग्लोबल फायर इंडेक्स के मुताबिक इजरायल के पास 612 फाइटर जेट्स हैं, जबकि ईरान के पास सिर्फ 551 हैं। हालांकि संख्या से ज्यादा लड़ाकू विमानों की क्षमता और क्वालिटी मैटर करती है। ईरान की मुश्किल ये है कि प्रतिबंधों के चलते वह अपनी फ्लीट को रिन्यू नहीं कर पाया है। हालांकि रूस से कुछ फाइटर जेट्स उसने खरीदे हैं।