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MDH और Everest के मसालों पर क्यों बढ़ा संकट? सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद US में भी जांच शुरू

FDA MDH And Everest Spice Investigation: दिग्गज भारतीय मसाला कंपनियों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इससे पहले दो देशों में मसालों को लेकर काफी कुछ सामने आने की बातें चलीं थीं। बताया जा रहा है कि खास कारणों से इनकी बिक्री बैन की जा रही है। अब एक और देश ने जांच का फैसला लिया है।
11:35 AM Apr 29, 2024 IST | News24 हिंदी
mdh और everest के मसालों पर क्यों बढ़ा संकट  सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद us में भी जांच शुरू
मसालों की गुणवत्ता की जांच करेगा एफडीए।

Cancer Chemical Case: दिग्गज भारतीय मसाला कंपनियों के खिलाफ अब यूएस ने भी कदम उठाया है। सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद अब यूएस ने एफडीए को इन मसालों की गुणवत्ता जांचने के आदेश दिए हैं। एमडीएच और एवरेस्ट के खिलाफ सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने कार्रवाई की थी। बताया गया था कि इन मसालों में कैंसर पैदा करने वाला एक कीटनाशक मिला था। जिसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने भी देशभर से इन मसालों के सैंपल लेने के आदेश दिए थे। लेकिन अब मामला और गहराता जा रहा है।

अब यूएस के फूंड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एफडीए ने केमिकल का पता लगाने के लिए अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। हॉन्गकॉन्ग ने पहले मद्रास करी पाउडर, करी पाउडर और सांभर मसाला पाउडर के साथ एवरेस्ट के फिश करी मसाले की बिक्री बैन कर दी थी। बताया जा रहा है कि जांच में इनमें एथिलीन ऑक्साइड मिला है। जो कैंसर का कारक है। इस केमिकल का इस्तेमाल कृषि उत्पादों में कीटनाशक के तौर पर भी होता है। जिसके बाद सिंगापुर में भी कार्रवाई की गई।

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रिपोर्ट के मुताबिक अब अमेरिकी एजेंसी की ओर से बताया गया है कि वह मसालों में इस केमिकल को लेकर जांच कर रही है। एक अधिकारी के मुताबिक उन लोगों ने स्थिति पर नजर रखी हुई है। वे इसकी समीक्षा कर रहे हैं। इसके बारे में और भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। वहीं, भारत के निकटतम देश मालदीव की ओर से भी इन दोनों कंपनियों के मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मालदीव की फूड एंड ड्रग अथॉरिटी की ओर से ये आदेश जारी किए गए हैं।

दोनों भारतीय कंपनियों ने आरोपों को नकारा

वहीं, भारतीय मसाला कंपनी एवरेस्ट ने कहा है कि उसके मसाले सेफ हैं। इनका उपभोग किया जा सकता है। इनके उत्पादों का निर्यात भारतीय मसाला बोर्ड की लैब्स से मंजूरी के बाद किया गया है। वहां से अनुमोदन मिलने के बाद ही इनको बाजारों में उतारा गया है। एमडीएच की ओर से भी सभी आरोप गलत बताए गए हैं। कहा गया है कि तमाम दावे हवा हैं, इनके पीछे कोई सबूत भी नहीं हैं। अभी हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर के अधिकारियों से एमडीएच की कोई बात नहीं हुई है। उनकी कंपनी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी सेफ्टी का पालन कर रही है। उन लोगों को अपने ग्राहकों के स्वास्थ्य की चिंता है।

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