MDH और Everest के मसालों पर क्यों बढ़ा संकट? सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद US में भी जांच शुरू
Cancer Chemical Case: दिग्गज भारतीय मसाला कंपनियों के खिलाफ अब यूएस ने भी कदम उठाया है। सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद अब यूएस ने एफडीए को इन मसालों की गुणवत्ता जांचने के आदेश दिए हैं। एमडीएच और एवरेस्ट के खिलाफ सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने कार्रवाई की थी। बताया गया था कि इन मसालों में कैंसर पैदा करने वाला एक कीटनाशक मिला था। जिसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने भी देशभर से इन मसालों के सैंपल लेने के आदेश दिए थे। लेकिन अब मामला और गहराता जा रहा है।
Gets worse and worse. How is MDH going to compensate? What accountability does it face?
US rejects 1/3rd of #MDH exports since October over salmonellahttps://t.co/Emp70UwRtP
— Nirmal Ghosh (@karmanomad) April 29, 2024
अब यूएस के फूंड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एफडीए ने केमिकल का पता लगाने के लिए अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। हॉन्गकॉन्ग ने पहले मद्रास करी पाउडर, करी पाउडर और सांभर मसाला पाउडर के साथ एवरेस्ट के फिश करी मसाले की बिक्री बैन कर दी थी। बताया जा रहा है कि जांच में इनमें एथिलीन ऑक्साइड मिला है। जो कैंसर का कारक है। इस केमिकल का इस्तेमाल कृषि उत्पादों में कीटनाशक के तौर पर भी होता है। जिसके बाद सिंगापुर में भी कार्रवाई की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक अब अमेरिकी एजेंसी की ओर से बताया गया है कि वह मसालों में इस केमिकल को लेकर जांच कर रही है। एक अधिकारी के मुताबिक उन लोगों ने स्थिति पर नजर रखी हुई है। वे इसकी समीक्षा कर रहे हैं। इसके बारे में और भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। वहीं, भारत के निकटतम देश मालदीव की ओर से भी इन दोनों कंपनियों के मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मालदीव की फूड एंड ड्रग अथॉरिटी की ओर से ये आदेश जारी किए गए हैं।
Below is the press release by Singapore Food Agency about Everest Masala & MDH Masala unfit for consumption. FDA India should study it immediately and ban it till detailed study is done & approved. @narendramodi @AmitShah @PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/YzKmiLekzP
— Niraj (@NirajGunde) April 21, 2024
दोनों भारतीय कंपनियों ने आरोपों को नकारा
वहीं, भारतीय मसाला कंपनी एवरेस्ट ने कहा है कि उसके मसाले सेफ हैं। इनका उपभोग किया जा सकता है। इनके उत्पादों का निर्यात भारतीय मसाला बोर्ड की लैब्स से मंजूरी के बाद किया गया है। वहां से अनुमोदन मिलने के बाद ही इनको बाजारों में उतारा गया है। एमडीएच की ओर से भी सभी आरोप गलत बताए गए हैं। कहा गया है कि तमाम दावे हवा हैं, इनके पीछे कोई सबूत भी नहीं हैं। अभी हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर के अधिकारियों से एमडीएच की कोई बात नहीं हुई है। उनकी कंपनी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी सेफ्टी का पालन कर रही है। उन लोगों को अपने ग्राहकों के स्वास्थ्य की चिंता है।