कुत्ते के खर्च से कम सैलरी..18 घंटे काम..कोई छुट्टी नहीं, नौकर ने बढ़ाई ब्रिटेन के सबसे अमीर भारतीय परिवार की मुश्किलें
Hinduja Family Court Case : ब्रिटेन का सबसे अमीर हिंदुजा परिवार स्विट्जरलैंड की कोर्ट में एक कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। यह लड़ाई स्टाफ को बंधक बनाने और उनका शोषण करने से जुड़ी है। इस मामले में कोर्ट में वकील ने परिवार पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने नौकरों को जो सैलरी दी, वह काफी कम थी। इससे ज्यादा रकम वह हर महीने अपने पालतू कुत्ते पर खर्च कर देते हैं। कोर्ट में वकील ने उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की।
पहले जानें क्या है मामला
दरअसल भारतीय मूल के हिंदुजा परिवार पर आरोप है कि उन्होंने स्विट्जरलैंड के लेक जिनेवा स्थित विला में भारतीय नौकरों को न केवल बंधक बनाकर रखा बल्कि उनका शोषण भी किया। इनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे और उचित सैलरी नहीं दी जा रही थी। हिंदुजा परिवार पर भारतीय कर्मचारियों की कथित तस्करी का आरोप है। इस मामले में सोमवार को हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ मानव तस्करी का मुकदमा शुरू हुआ। इनके नाम प्रकाश और कमल हिंदुजा, इसके बेटे अजय हिंदुजा और इनकी पत्नी नम्रता हैं।
18 घंटे काम कराने का आरोप
कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने हिंदुजा परिवार पर आरोप लगाया कि इन्होंने अपने नौकरों से तय लिमिट से ज्यादा काम लिया। इनके यहां काम करने वाली एक महिला ने आरोप लगाया कि उनसे दिन में 18-18 घंटे काम करवाया गया। यही नहीं, हफ्ते में कोई छुट्टी भी नहीं दी गई। इसके लिए उन्हें रोजाना करीब 656 रुपये का भुगतान किया गया। यह रकम हिंदुजा परिवार द्वारा पालतू कुत्ते पर खर्च की जाने वाली रकम से कम है। उन्होंने अपने कुत्ते पर रोजाना करीब 2200 रुपये खर्च किए। इसके अलावा इस परिवार यह भी आरोप लगा कि इन्होंने विला में काम करने वाले लोगों का पासपोर्ट जब्त कर लिया था। सुनवाई के दौरान वकील ने कोर्ट से हिंदुजा परिवार के सदस्यों को साढ़े पांच साल की सजा देने का अनुरोध किया।
A human trafficking trial began in Switzerland Monday against four members of the billionaire Hinduja family. Here's what we know: https://t.co/QqcHkAcqgC pic.twitter.com/G5PN9Ssep5
— Forbes (@Forbes) June 17, 2024
आरोपों का किया खंडन
सुनवाई के दौरान हिंदुजा परिवार ने इन आरोपों का खंडन किया। परिवार ने कहा कि नौकरी को लेकर जो जानकारी कोर्ट में रखी गई है, वह भ्रामक है। उन्होंने नौकरों का न केवल सम्मान किया है बल्कि उन्हें उचित सैलरी भी दी गई। उन्होंने कहा कि विरोधी वकील ने जो तस्वीर पेश की है, वह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम नौकरों को सैलरी के साथ उनके लिए रहने की व्यवस्था करते हैं और खाना भी देते हैं। ऐसे में यह कहना कि नौकरों को कम सैलरी दी गई, उचित नहीं है।
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