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मालदीव को पड़ जाएंगे खाने के लाले! भारत से पंगे के बाद ताजा आंकड़े देख उड़ जाएंगे मुइज्‍जू के होश

India Maldives Controversy: मालदीव पर इंडिया आउट का कैंपेन भारी पड़ गया है। वहां जाने वाले लोगों की तादाद में तेजी से गिरावट आ रही है। जिसका सीधा असर मालदीव की आर्थिक हालत पर दिखने लगा है। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद लगातार वहां पर्यटकों की तादाद घर रही है। इस साल के अब तक के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
01:08 PM Apr 19, 2024 IST | News24 हिंदी
मालदीव को पड़ जाएंगे खाने के लाले  भारत से पंगे के बाद ताजा आंकड़े देख उड़ जाएंगे मुइज्‍जू के होश
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरा किया था।

PM MODI Lakshadweep Visit: राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 'इंडिया आउट' अभियान का गहरा असर अब मालदीव पर दिखने लगा है। इसे भारतीय के 'बॉयकॉट मालदीव' का रुझान एक तरीके से माना जा रहा है। इस साल अब तक सिर्फ 34847 भारतीय ही मालदीव गए हैं। जबकि पिछले साल यह संख्या 56208 थी। 38 प्रतिशत की गिरावट 2019 की पहली तिमाही से भी कम है। तब 36035 लोगों ने मालदीव का दौरा किया था। भारत कोविड के बाद 2021 से 2023 के बीच मालदीव के लिए पर्यटकों का सबसे बड़ा सोर्स था। लेकिन अब गिरावट आ रही है।

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पीएम मोदी के लक्षद्वीप द्वीप का दौरा करने के बाद से लगातार पर्यटकों का ध्यान मालदीव से हटने लगा है। इतना ही नहीं, लोगों के बीच सोशल मीडिया पर "बॉयकॉट मालदीव" के साथ-साथ "लक्षद्वीप का दौरा" का ट्रेंड अधिक दिखने लगा है। सेलिब्रिटीज भी इस चलन में खूब शामिल रही हैं। वहीं, अब ट्रैवल एजेंसियों में भी ये ट्रेंड शुरू हो गया है।

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कोविड के बाद 4 साल चीन ने लगाया था बैन

जिस तरह लोगों में मालदीव के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है, उससे लग रहा है कि बायकॉट मालदीव का असर ज्यादा हुआ है। कोविड से पहले मालदीव आने वालों में सबसे ज्यादा चीन के लोग होते थे। इसके बाद चार साल का प्रतिबंध फिर चीन में लग गया। जिसके बाद अब बैन हट चुका है। फिर से चीन के अधिक लोग मालदीव आने लगे हैं। कोविड के कारण अब भी चीन पर कहीं औपचारिक, तो कहीं अनौपचारिक प्रतिबंध लगे हुए हैं। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार 2018 में 1 लाख से भी कम भारतीय यहां आए। जबकि चीन से पौने 3 लाख लोग आए थे।

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2019 में चीन के इतने ही लोग रहे, वहीं, भारतीयों की तादाद सवा लाख हो गई। 2021 में लगभग 3 लाख भारतीय मालदीव गए। उस वर्ष मालदीव ने ही पर्यटकों को आरटी-पीसीआर के तहत आने की परमिशन दी थी, और किसी देश ने नहीं। लॉकडाउन के चलते सिर्फ 2238 चीनी आए थे। अब चीनी मालदीव में 2019 से 3 गुना हो गए हैं। भारतीयों की तादाद 40 परसेंट गिरी है।

लगातार कम हो रही हैं फ्लाइटें

एविएशन एनालिटिक्स कंपनी सिरियम के अनुसार इस साल प्रति सप्ताह मालदीव के लिए 8 उड़ानें कम हुई हैं। वहीं, लगभग 2 हजार सीटें कम रही हैं। जिससे पता लगता है कि सब ठीक नहीं है। इंडिगो की 21, विस्तारा की 14, एयर इंडिया की 6 साप्ताहिक उड़ानें देखी गई हैं। मालदीव से सप्ताह में सिर्फ 10 उड़ानें आती हैं। इंडिगो ने दिल्ली-माले बाजार से भी हाथ खींच लिए हैं। जबकि गो फर्स्ट बंद कर दिया गया है। पहले माले के लिए 10 उड़ानें थी।

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वियतनाम और इंडोनेशिया के लिए वीजा आसान कर दिया गया है। वहीं, थाईलैंड और मलेशिया की वीजा मुक्त यात्रा से भी लोगों का क्रेज मालदीव से घटा है। भारत और वियतनाम के बीच अगले सप्ताह से नॉन-स्टॉप उड़ानों की संख्या 57 साप्ताहिक तक होगी। इसके अलावा लगभग 14117 सीटें साप्ताहिक तौर पर मिल जाएंगी। मालदीव को पर्यटन की दृष्टि से महंगा भी माना जाता है।

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