गाजा में क्यों नहीं हो पा रहा पोलियो वैक्सीनेशन? CIA और ओसामा बिन लादेन से जुड़ा है जवाब!
Israel Hamas War Polio Vaccination: इजराइल हमास युद्ध पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। हजारों लोगों की मौत के बावजूद इजराइल और हमास रुकने को तैयार नहीं है। दोनों पक्षों में लगातार हो रही बमबारी के बीच एक और बुरी खबर निकल कर सामने आई। गाजा में 10 महीने का बच्चा पोलियो जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो गया। बच्चे का एक पैर लकवाग्रस्त हो गया। इस खबर से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। यूनिसेफ ने गाजा में वैक्सीनेशन का जिम्मा उठाया और इजराइल ने भी वैक्सीनेशन होने तक बमबारी रोकने का ऐलान कर दिया। हालांकि गाजा में वैक्सीनेशन की राह आसान नहीं है। कई लोगों को इतिहास दोहराने का डर सता रहा है।
ओसामा बिन लादेन की मौत
पोलियो के वैक्सीनेशन से कुछ लोगों की पुरानी यादें जुड़ी हैं। ऐसे में कई लोग वैक्सीनेशन करवाने से कतराते नजर आते हैं। हम बात कर रहे हैं 2011 की। यह वही साल है जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को मौत के घाट उतारा था। ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने के लिए CIA ने पोलियो वैक्सीनेशन का ही सहारा लिया था। पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी एक देश तक सीमित नहीं रह सकती। खासकर 2011 में यह बीमारी पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में तेजी से फैल रही थी।
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डॉक्टर की पोशाक में CIA के एजेंट्स
विकसित देशों ने पोलियो खत्म करने के लिए बड़ी संख्या में डोनेशन दी थी। यूनिसेफ के चिकित्सक घर-घर जाकर लोगों को पोलियो की 2 बूंद पिला रहे थे। CIA ओसामा की तलाश में थी। ऐसे में CIA ने पोलियो पिलाने वाले डॉक्टरों की मदद ली। उन्हीं चिकित्सकों में CIA के एजेंट्स भी मौजूद थे। उनमें से एक एजेंट को ओसामा के घर पर शक हुआ। पोलियो पिलाने के बहाने ही वो चिकित्सक ओसामा के घर में घुसा और CIA का शक यकीन में तब्दील हो गया।
The final phase of the first round of Polio vaccination campaign started yesterday in north #Gaza.
More than 231 teams are on the ground trying to reach all children under ten. with partners we continue to spare no effort to stop the polio outbreak. pic.twitter.com/ZbIVhJccAK
— UNICEF MENA - يونيسف الشرق الأوسط وشمال إفريقيا (@UNICEFmena) September 11, 2024
लोगों को सता रहा था डर
2 मई 2011 को खबर सामने आई की CIA ने अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया है। ओसामा की मौत से अमेरिका में खुशी का माहौल था, तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान डर के साए में जी रहे थे। पोलियो पिलाने वाले हर चिकित्सक पर लोग शक करने लगे थे। उन्हें लगता था कि डॉक्टर के लिबास में यह CIA का एजेंट तो नहीं है? ऐसे में लोग पोलियो की खुराक लेने से भी घबराने लगे थे। नतीजतन पाकिस्तान और अफगानिस्तान को आज भी पोलियो मुक्त नहीं किया जा सका है।
10 साल बाद दोहराएगा इतिहास?
ओसामा की मौत के 2 साल बाद यूनिसेफ ने इसके लिए माफी मांगी। साथ ही अमेरिका ने भी वादा किया कि आगे से CIA कभी स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में दखल नहीं देगी। मगर 10 साल बाद फिर से पुरानी यादें ताजा होने लगी हैं। इजराइल को हमास के चीफ की तलाश है और अमेरिका इजरायल के साथ है। ऐसे में CIA फिर से पोलियो वैक्सीनेशन का सहारा न ले, इसके लिए यूनिसेफ के पूर्व अध्यक्ष ने अमेरिका को आगाह किया है।
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