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क्या है जापान का Beni Koji डेथ स्कैंडल? कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा बन गई मौत!

Japan Beni Koji Death Scandal: जापान में बेनी कोजी से हुई मौतों के मामले की जांच शुरू हो चुकी है। कंपनी की ओर से अपनी दवा को भी वापस मंगवा लिया गया है। बेनी कोजी के कारण लोगों को किडनी की बीमारी हुई। जिसके बाद उनकी मौत हो गई। जापान में कंपनी के संयंत्रों पर रेड भी की गई है।
04:43 PM Jun 29, 2024 IST | Parmod chaudhary
बेनी कोजी डेथ स्कैंडल।
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Japanese Drug Company Kobayashi Pharmaceutical: जापानी दवा कंपनी कोबायाशी फार्मास्यूटिकल ने कथित रूप से हुई 76 लोगों की मौत की जांच शुरू कर दी है। दवा कंपनी अपनी कोलेस्टॉल कम करने वाली दवा भी दुकानों से वापस मंगवा ली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस दवा का सेवन करने से 5 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हुए थे। इस दवा का नाम बेनी कोजी है। बेनी कोजी एशियाई देशों में भी लोकप्रिय है, जिसका काम शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना होता है। आरोप है कि इस दवा के सेवन से ही जापान में 76 लोगों की जानें गईं। इस टैबलेट में लाल यीस्ट राइस होता है, जिसे बेनी कोजी के नाम से जाना जाता है। इस मामले में जांच तब शुरू हुई, जब इस दवा के कारण किडनी की समस्याएं लोगों में सामने आई थी। बताया जा रहा है कि मामला सामने आने के बाद 5 लोगों की मौत हुई।

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खराब कोलेस्ट्रॉल को ठीक कर सकता है चावल

रिपोर्टों से पता चलता है कि इन टैबलेट्स में बेनी कोजी पाया गया था। बेनी कोजी लाल फफूंद की एक प्रजाति होती है। इसका प्रयोग शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ठीक करने के लिए होता है। बेनी कोजी को जापान में लाल खमीर चावल के नाम से भी जाना जाता है। बेनी कोजी में लोवास्टेटिन घटक मौजूद होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को ठीक कर सकता है। साथ में सिट्रीनिन नामक एक अन्य घटक भी पाया जाता है। इसे विषैला मेटाबोलाइट कहा जाता है, जो किडनी में समस्या पैदा करता है। समस्या सामने आने के बाद जापानी दवा कंपनी ने अपना उत्पाद दुकानों से वापस मंगवा लिया था। मामला सामने आने के बाद जापान के स्वास्थ्य अधिकारी हरकत में आए थे।

जापान में कंपनी के खिलाफ हुई छापामारी

जिसके बाद दवा कंपनी के दो संयंत्रों पर छापामारी हुई थी। हालांकि कंपनी आधिकारिक तौर पर कुछ ज्यादा नहीं बताया है। सूत्रों के अनुसार बेनी कोजी कोलेस्टे हेल्प नामक गोली के सप्लीमेंट्स में दिक्कत मिली है। इसमें ही बेनी कोजी इस्तेमाल किया गया है। हालांकि कंपनी को अपनी जांच में सिट्रिनिन नहीं मिला है। हो सकता है कि बेनी कोजी के साथ कोई अनावश्यक घटक हो। कंपनी ने अधिकतर मौतें किडनी की बीमारी से होने की बात से भी इनकार किया है। कंपनी ने सिर्फ कुछ ही मामलों में माना है कि बेनी कोजी से संबंधित उत्पाद ने लोगों को नुकसान पहुंचाया है।

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कोबायाशी फार्मास्युटिकल ने हालांकि बेनी-कोजी में मौजूद तत्वों की जांच की और उसमें सिट्रिनिन नहीं पाया। लेकिन कंपनी ने कहा कि उसके विश्लेषण के नतीजे एक अज्ञात तत्व की मौजूदगी दिखाते हैं और उसने यह भी कहा कि उसके बेनी-कोजी में अनपेक्षित तत्व हो सकते हैं। लाल यीस्ट राइस को लाल और बैंगनी फंगस मोनास्कस पर्पुरियस के साथ मिलाकर बनाया जाता है। चीन, जापान और ताइवान जैसे देशों में इसका उपयोग कई सालों से हो रहा है। टोफू और चीनी चावल की शराब बनाने के साथ भी इस राइस का उपयोग होता है।

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1970 में शोधकर्ताओं ने इसमें 'मोनाकोलिन K' नामक तत्व की पहचान की थी। जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार है। बेनी कोजी में एंटीऑक्सीडेंट, कई प्रकार के एंजाइम और अमीनो एसिड होते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। कागोशिमा विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और ऐसे मामलों के विशेषज्ञ युमिको योशिजाकी ने अपनी शोध में इसको लेकर खुलासा किया था। जिसके बाद बेनी कोजी को लोकप्रियता मिली। जापानी फार्मा कंपनी कोबायाशी ने 3 लाख से अधिक सप्लीमेंट्स वापस मंगवाए हैं। जापान में 50 और ताइवान में दो कंपनियों को बेनी कोजी वाले उत्पाद बेचे गए थे।

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