होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

जय भट्टाचार्य कौन? कोलकाता में जन्मे, स्टैनफोर्ड से ट्रेंड डॉक्टर; डोनाल्ड ट्रंप सौंपेंगे ये अहम जिम्मेदारी!

US Presidential Election 2024: अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर जय भट्टाचार्य को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। भट्टाचार्य अमेरिका में स्वास्थ्य नीति और कमजोर आबादी को लेकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।
10:20 PM Nov 24, 2024 IST | Parmod chaudhary
डोनाल्ड ट्रंप, जय भट्टाचार्य।
Advertisement

Jay Bhattacharya: अमेरिका में हाल ही में आए चुनाव नतीजों के बाद डोनाल्ड ट्रंप भारी बहुमत के साथ राष्ट्रपति चुने गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप भारतीय मूल के डॉक्टर जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अगले निदेशक की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार जयंत भट्टाचार्य का निदेशक बनना लगभग तय है। जयंत को जय भट्टाचार्य के नाम से जाना जाता है। वे फिलहाल यूएस की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पॉलिसी प्रोफेसर हैं। उनको विश्वविद्यालय में नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में शोध सहयोगी की जिम्मेदारी भी दी गई है। जयंत का जन्म 1968 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था। भट्टाचार्य 1997 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन से एमडी की डिग्री ले चुके हैं।

Advertisement

यह भी पढ़ें:नीदरलैंड में 15 साल पहले हुई थी सेक्स वर्कर की हत्या, पुलिस को खास तकनीक से मिले सुराग; जानें मामला

2000 में इसी यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र विभाग में उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। वे 2011 से यहीं कार्यरत हैं। उनके पास हेल्थ और वृद्धावस्था की जनसांख्यिकी के अलावा अर्थशास्त्र केंद्र के निदेशक की जिम्मेदारी है। भट्टाचार्य दुनिया में स्वास्थ्य देखभाल की अर्थव्यवस्था जैसे विषयों पर रिसर्च कर चुके हैं। उन्होंने अपने शोध में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण पर फोकस किया है। इसके अलावा यूएस की जैव चिकित्सा व्यवस्था, स्वास्थ्य नीति से जुड़ी सरकारी योजनाओं में भी उनकी भूमिका रही है। उनके शोध विभिन्न सांख्यिकी, अर्थशास्त्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कानूनी, चिकित्सा और स्वास्थ्य नीति पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने COVID-19 के महामारी विज्ञान, संक्रमण की घातकता व लॉकडाउन नीतियों के असर को लेकर भी शोध किए हैं।

Advertisement

कोविड के दौरान आए थे चर्चा में

अक्टूबर 2022 में जयंत चर्चा में आए थे। उनकी ग्रेट बैरिंगटन नाम की एक रिपोर्ट ने कोविड-19 नियमों को लेकर सरकार की आलोचना की थी। इस रिपोर्ट को तैयार करने में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की सुनीता गुप्ता और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मार्टिन कुल्डॉर्फ ने भी सहयोग दिया था। इस रिपोर्ट में कोविड नियमों को वापस लेने और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए नीतियां बनाने की मांग की गई थी। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने भी समर्थन किया था। लेकिन तत्कालीन NIH निदेशक फ्रांसिस एस कोलिंस ने इस रिपोर्ट को गलत ठहराया था।

यह भी पढ़ें:UK एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे यात्री, अचानक हैंड ग्रेनेड लेकर पहुंच गया सेना का अफसर; जानें मामला

Open in App
Advertisement
Tags :
World News In Hindi
Advertisement
Advertisement