यमन में केरल की नर्स को क्यों सुनाई गई मौत की सजा? जानें MEA का रिएक्शन
World news in Hindi: यमन की जेल में बंद भारतीय मूल की नर्स को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसे अब वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अल अलीमी ने भी मंजूरी दे दी है। केरल के रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान भी सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि निमिषा प्रिया के मामले में सरकार हर कानूनी पहलू पर काम कर रही है। उनके परिवार को हर कानूनी मदद मुहैया करवाई जाएगी। निमिषा मूल रूप से केरल के पलक्कड़ की रहने वाली है। वह 2017 से यमन की जेल में बंद है।
आरोप है कि उन्होंने 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी को दवा की ओवरडोज दी थी। जिससे उनकी मौत हो गई। निमिषा के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में उसको 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। निमिषा प्रिया 2008 में यमन गई थी, जिसके बाद कई अस्पतालों में काम किया। उसने 2015 में खुद का क्लीनिक शुरू किया था।
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निमिषा के साथ उसके पति और बेटी भी यमन में रह रहे थे। 2016 में यमन में गृह युद्ध शुरू हुआ था। जिसके बाद आवागमन पर पाबंदी लगने से वह वहीं फंस गई थी। हालांकि दो साल पहले उसके पति और बेटी स्वदेश लौट आए थे। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में नर्स के परिजनों ने दावा किया था कि महदी ने नर्स को शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया था। उसका पासपोर्ट भी उसने छीन लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नर्स को आगामी एक महीने के भीतर सजा दी जाएगी।
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विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह मामले को गंभीरता से ले रहा है। 36 वर्षीय निमिशा को मौत की सजा से बचाने के लिए हर विकल्प तलाशा जाएगा। नर्स की 57 वर्षीय मां प्रेमा कुमारी इसी साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना पहुंची थीं। उन्होंने मृतक की फैमिली से ब्लड मनी को लेकर भी बात की थी। ब्लड मनी किसी व्यक्ति की हत्या के बाद उसके परिवार को दिया जाने वाला धन होता है। निमिषा की सजा के खिलाफ यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रेमा की अपील 2023 में खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष गुहार लगाई थी। यहां भी प्रेमा को निराशा हाथ लगी।
लेन-देन को लेकर हुआ था विवाद
ब्लड मनी की बातचीत सितंबर में रुक गई थी, जब भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त वकील अब्दुल्ला अमीर ने 20000 डॉलर (लगभग 16.6 लाख रुपये) फीस की डिमांड की थी। इससे पहले मंत्रालय ने उनको जुलाई में ही 19871 डॉलर का भुगतान किया था। अब वे दो किस्तों में 40000 डॉलर (33.2 लाख रुपये) की डिमांड कर रहे थे। बताया जा रहा है कि प्रिया ने महदी से सना में क्लीनिक खोलने के लिए मदद मांगी थी। यमन के कानून के अनुसार केवल उसके नागरिक ही यहां क्लीनिक खोल सकते हैं। आरोप है कि क्लीनिक शुरू होने के बाद प्रिया और महदी में लेन-देन को लेकर विवाद शुरू हुआ था।