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न तड़पा न छटपटाया, 3 इंजेक्शन और टूट गई सांसें; अमेरिका में 2 मर्डर करने वाले को खौफनाक सजा-ए-मौत

Horrible Execution in America: नाइट्रोजन गैस से सजा-ए-मौत देने के बाद अमेरिका ने कैदी को सजा-ए-मौत देने के लिए एक और तरीका अपनाया है। तरीका भी ऐसा कि एक झटके में कैदी ने दम तोड़ दिया। वह न तड़पा, न छटपटाया, बस आंखों से सांसें निकल गईं।
12:07 PM May 31, 2024 IST | Khushbu Goyal
Lethal Injection Execution in Double Murder Case
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Lethal Injection Execution in America: न तड़पा और न छटपटाया, 3 इंजेक्शन लगे और एक झटके में उसकी सांसें टूट गईं। आंखें और मुंह खुला रह गया। न कोई दर्द हुआ, न कोई यातना दी गई और कैदी को सजा-ए-मौत मिल गई। जी हां, कैदी को मौत की सजा देने के लिए यह तरीका दुनिया के सबसे बड़े देश अमेरिका में इस्तेमाल किया गया।

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पहली बार किसी कैदी को इस तरीके से मौत दी गई। उसे बुजुर्ग दंपति की हत्या करने पर मौत की सजा हुई थी। कैदी का नाम जैमी रे मिल्स था, जिसकी उम्र करीब 50 साल थी। उसे मिली सजा-ए-मौत पर अमल करने के लिए उसे कुर्सी पर बैठाकर, उसके हाथ-पैर बांधकर उसके एक-एक कर 3 इंजेक्शन लगाए गए और कब उसके सांस निकल गए, पता भी नहीं चला।

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20 साल बाद मिली सजा-ए-मौत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित अलबामा शहर का मामला है। जैमी रे मिल्स ने 87 साल के फ्लॉयड हिल और उनकी पत्नी वेरा की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। उसने दोनों पर घर में घुसकर हथौड़े, छुरी और तेजधार हथियार से दोनों पर हमला किया था, जिससे गंभीर रूप से घायल दोनों बुजुर्गों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।

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हालांकि डबल मर्डर करने की वजह सामने नहीं आई थी, लेकिन कई साल कोर्ट की सुनवाई चली और उसे खौफनाक कृत्य की खौफनाक सजा सुनाई गई। अलबामा के गवर्नर के इवे ने मामले की पुष्टि की और कहा कि मिल्स ने 20 साल बाद अपने घिनौने कांड के लिए सजा भुगती। भगवान उसकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उसके परिवार के प्रति गहरी संवदेनाएं हैं।

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नाइट्रोजन गैस से भी दी गई थी सजा-ए-मौत

बता दें कि अमेरिका में इंजेक्शन से सजा-ए-मौत का यह पहला मामला है। इससे पहले जनवरी 2024 में एक कैदी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर सजा-ए-मौत दी गई थी और वह तरीका भी पहली बार अपनाया गया था। उस सजा को लेकर यूनाइटेड नेशन्स ने हंगामा भी किया था। तरीके को खौफनाक बताते हुए मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया था।

कैदी का नाम केनेथ यूजीन स्मिथ था। उसे एक कमरे में लिटाकर, हाथ-पैर बांधकर उसके मुंह पर एयर टाइट मास्क लगा दिया गया था। इसके बाद उसे नाइट्रोजन गैस सुंघाकर सजा-ए-मौत दी गई। स्मिथ ने 1988 में एक पादरी की पत्नी की हत्या की थी और 36 साल बाद 25 जनवरी 2024 को उसे खौफनाक मौत दी गई।

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