whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

नया blood test, 10 साल पहले पता चल जाएगा कौन सी होगी बीमारी?

UK News in Hindi: लंदन के वैज्ञानिकों ने एक नए ब्लड टेस्ट की खोज की है। वैज्ञानिकों ने खून में ऐसे प्रोटीन की पहचान की है, जो गंभीर बीमारियों के बारे में शुरुआत में ही बता देगा। जिससे समय पर उनका इलाज संभव हो सकेगा। नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध में यूके बायोबैंक फार्मा प्रोटिओमिक्स प्रोजेक्ट के आंकड़ों का हवाला दिया गया है।
08:54 PM Jul 23, 2024 IST | Parmod chaudhary
नया blood test  10 साल पहले पता चल जाएगा कौन सी होगी बीमारी
खून की जांच Image Credit: Freepik

UK News: एक नए ब्लड टेस्ट का पता लगा है। जिसके बाद कैंसर, हार्ट अटैक जैसी 67 गंभीर बीमारियों के बारे में पता लग जाएगा कि ये होंगी या नहीं। वैज्ञानिकों की मानें तो यह टेस्ट ऐसी गंभीर बीमारियों के जोखिम के बारे में 10 साल पहले ही पता लगा लेगा। उन्होंने ब्लड में ऐसे प्रोटीन की पहचान की है, जो नॉन-हॉजकिन लिंफोमा (कैंसर नहीं), मोटर न्यूरॉन रोग (एक लाइलाज बीमारी) की भी पहचान कर सकता है। इसके अलावा यह हार्ट, फेफड़े और कैंसर जैसी बीमारियों के बारे में पहले ही पता लगा लेगा। जिससे समय पर इनका इलाज हो सकेगा। हालांकि अगर बीमारी दुर्लभ है तो उसके इलाज में समय लग सकता है।

Advertisement

यह भी पढ़ें:टूरिस्ट से दरिंदगी करने वाले पांचों हैवान कौन? गैंगरेप से नहीं भरा मन तो जमकर पीटा, CCTV फुटेज बता रही बर्बरता की कहानी

नेचर मेडिसिन में एक शोध हाल ही में प्रकाशित हुआ था। जिसमें यूके बायोबैंक फार्मा प्रोटिओमिक्स प्रोजेक्ट के आंकड़ों को लेकर जानकारी सामने आई थी। शोध के अनुसार ब्रिटेन में 40 हजार लोगों के प्लामा प्रोटीन के लिए 3 हजार सैंपल एकत्र किए गए थे। प्रोटीन डेटा से 208 बीमारियों के संदर्भ में एक मॉडल तैयार किया गया, जो 10 साल पहले ही दुर्लभ बीमारियों की आशंका को बता सकता है। यह मॉडल 67 बीमारियों के बारे में बताने में बेहतर क्षमता रखता है। चिकित्सक कोलेस्ट्रॉल, किडनी फंक्शन और मधुमेह के बारे में जो जानकारी देते हैं, उसी आधार पर ये मॉडल इन बीमारियों के निदान के बारे में बता सकता है।

Advertisement

Advertisement

10 साल पहले लग जाएगा कैंसर का पता

जिन लोगों को 10 साल बाद मल्टीपल मायलोमा (हड्डी का कैंसर) की दिक्कत हो सकती है, उनके बारे में यह मॉडल 10 साल पहले खुलासा कर सकता है। क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन की प्रमुख लेखिका प्रोफेसर क्लाउडिया के अनुसार पहले सभी सैंपलों से 20 सैंपल अलग किए गए। फिर इनमें से 5 को छांटा गया। बाद में एक महत्वपूर्ण सैंपल पर स्टडी हुई। दिल के दौरे का निदान करने के लिए ट्रोपोनिन (परीक्षण) का तरीका अपनाया जाता है। सेम पैटर्न प्रोटीन को मापने के लिए यूज होता है। क्लाउडिया और डॉ. जूलिया कैरास्को ने बताया कि वे हजारों लोगों के प्रोटीन से नए मार्करों की पहचान करने के बाद उत्साहित हैं। इससे मरीजों की जीवनशैली बदल जाएगी।

यह भी पढ़ें:‘तुम ऐसे नहीं मानोगे’…पति को रॉड से पीटा, दांतों से काटा…पुलिस आई तो बोली गलती हो गई; जानें मामला

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो