नया blood test, 10 साल पहले पता चल जाएगा कौन सी होगी बीमारी?
UK News: एक नए ब्लड टेस्ट का पता लगा है। जिसके बाद कैंसर, हार्ट अटैक जैसी 67 गंभीर बीमारियों के बारे में पता लग जाएगा कि ये होंगी या नहीं। वैज्ञानिकों की मानें तो यह टेस्ट ऐसी गंभीर बीमारियों के जोखिम के बारे में 10 साल पहले ही पता लगा लेगा। उन्होंने ब्लड में ऐसे प्रोटीन की पहचान की है, जो नॉन-हॉजकिन लिंफोमा (कैंसर नहीं), मोटर न्यूरॉन रोग (एक लाइलाज बीमारी) की भी पहचान कर सकता है। इसके अलावा यह हार्ट, फेफड़े और कैंसर जैसी बीमारियों के बारे में पहले ही पता लगा लेगा। जिससे समय पर इनका इलाज हो सकेगा। हालांकि अगर बीमारी दुर्लभ है तो उसके इलाज में समय लग सकता है।
नेचर मेडिसिन में एक शोध हाल ही में प्रकाशित हुआ था। जिसमें यूके बायोबैंक फार्मा प्रोटिओमिक्स प्रोजेक्ट के आंकड़ों को लेकर जानकारी सामने आई थी। शोध के अनुसार ब्रिटेन में 40 हजार लोगों के प्लामा प्रोटीन के लिए 3 हजार सैंपल एकत्र किए गए थे। प्रोटीन डेटा से 208 बीमारियों के संदर्भ में एक मॉडल तैयार किया गया, जो 10 साल पहले ही दुर्लभ बीमारियों की आशंका को बता सकता है। यह मॉडल 67 बीमारियों के बारे में बताने में बेहतर क्षमता रखता है। चिकित्सक कोलेस्ट्रॉल, किडनी फंक्शन और मधुमेह के बारे में जो जानकारी देते हैं, उसी आधार पर ये मॉडल इन बीमारियों के निदान के बारे में बता सकता है।
"I had just read an article about the new blood test by Signatera being covered by my insurance. Signatera is an individualized test looking for circulating tumor DNA and can detect recurrence before it becomes visible on scans." @rissiekinshttps://t.co/BdujrN0j9z
— IHadCancer (@ihadcancer) July 23, 2024
10 साल पहले लग जाएगा कैंसर का पता
जिन लोगों को 10 साल बाद मल्टीपल मायलोमा (हड्डी का कैंसर) की दिक्कत हो सकती है, उनके बारे में यह मॉडल 10 साल पहले खुलासा कर सकता है। क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन की प्रमुख लेखिका प्रोफेसर क्लाउडिया के अनुसार पहले सभी सैंपलों से 20 सैंपल अलग किए गए। फिर इनमें से 5 को छांटा गया। बाद में एक महत्वपूर्ण सैंपल पर स्टडी हुई। दिल के दौरे का निदान करने के लिए ट्रोपोनिन (परीक्षण) का तरीका अपनाया जाता है। सेम पैटर्न प्रोटीन को मापने के लिए यूज होता है। क्लाउडिया और डॉ. जूलिया कैरास्को ने बताया कि वे हजारों लोगों के प्रोटीन से नए मार्करों की पहचान करने के बाद उत्साहित हैं। इससे मरीजों की जीवनशैली बदल जाएगी।