240 यात्रियों समेत 'गायब' विमान का रहस्य खुला, 10 साल बाद वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला दावा
Malaysia Flight Mh370 Mystery Update: आज से 10 साल पहले 240 पैसेंजर्स को लेकर गायब हुए विमान का रहस्य सुलझाने का दावा किया गया है। ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें मलेशियाई विमान MH370 को ट्रेस करने में सफलता मिली है। दावा है कि विमान समुद्र में हजारों फीट नीचे गहराई में है। दक्षिणी हिंद महासागर में 6000 मीटर की गहराई में एक खाई में विमान है। यूनिवर्सिटी ऑफ़ तस्मानिया के समुद्री और अंटार्कटिक अध्ययन संस्थान के वैज्ञानिक विन्सेंट लिन का कहना है कि यह खाई उसी जगह है, जहां पेनांग एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही पायलट ने सिम्युलेटर की दिशा बदलकर रास्ता काटा था और फ्लाइट को गलत दिशा में मोड़ा था। इसके बाद फ्लाइट रडार पर नजर नहीं आई और आज तक उसका कुछ पता नहीं चला।
8 मार्च 2014 की रात गायब हुआ था विमान
वैज्ञानिकों के अनुसार, फ्लाइट समुद्र में 20000 फीट गहरे पठार पर बने रिज में गायब हुई थी और यह रिज में बने 6000 मीटर गहरे गड्ढे में गिर गई। यह एक उबड़ खाबड़ जगह है, जिससे फिसलते हुए विमान काफी गहराई में चला गया। इस इलाके में मलेशिया की सरकार अगर सर्च ऑपरेशन चलाए तो विमान का मलबा मिल सकता है। बता दें कि 8 मार्च 2014 को मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 ने 240 लोगों के साथ कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। फ्लाइट में ज्यादातर पैसेंजर्स चीन के थे, लेकिन यह फ्लाइट उड़ान भरने के 40 मिनट बाद ही वियतनाम के हवाई क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिणी हिंद महासागर में लापता हो गई थी। 3 देशों की रेस्क्यू टीमों ने हिंद महासागर का 120000 वर्ग किलोमीटर (46,000 वर्ग मील) एरिया खंगाला, लेकिन विमान का कुछ पता नहीं चला।
आखिरी मैसेज भेज बंद किया गया ट्रांसपोंडर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब फ्लाइट वियतनाम के ऊपर थी तो फ्लाइट के कैप्टन जहरी अहमद शाह ने ATC को मैसेज भेजा- 'गुड नाइट, मलेशियाई 370 और इसके बाद पायलट ने ट्रांसपोंडर बंद कर दिया। ट्रांसपोंडर बंद होने के बाद किसी भी फ्लाइट को ट्रैक नहीं किया जा सकता था, इसलिए फ्लाइट लापता हो गई। सेना को रेस्क्यू के लिए तैनात किया गया तो पता चला कि फ्लाइट का रास्ता उत्तरी मलेशिया और पेनांग द्वीप के ऊपर बदला गया। इसे अंडमान सागर में इंडोनेशियाई द्वीप सुमात्रा की तरफ जाते देखा गया और इसके बाद वह लापता हो गया। आज तक उस विमान का मलबा तक नहीं मिला है। 7 साल तक तलाश करने के बाद साल 2017 में सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया, लेकिन अब अचानक वैज्ञानिकों ने विमान के गायब होने के रहस्य को सुलझाने का दावा किया है।