मालदीव का तुगलकी फरमान, राष्ट्रपति बोले- 10 मई तक देश छोड़ दें, फिर कोई भारतीय सैनिक नजर न आए
Maldives President Order For Indian Troops: चीन के साथ सैन्य समझौतों के चलते मालदीव ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मालदीव ने भारतीयों के लिए एक तुगलकी फरमान जारी किया है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammad Muizzu) ने कहा कि 10 मई के बाद कोई भारतीय सैनिक मालदीव में नजर न आए। 10 मई के बाद किसी भारतीय सैनिक को मालदीव ने रहने की परमिशन नहीं मिलेगी, चाहे वह सादे कपड़ों में ही क्यों न रहता हो।
#Maldives President #MohamedMuizzu has said that no #Indian #military personnel, not even those in civilian clothing, would be present inside his country after May 10.https://t.co/xnqHznj3vL
— Ashok Malik (@ashokmalik) March 5, 2024
दोनों देशों के बीच सैनिकों को लेकर बनी सहमति
एटोल दौरे के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने यह टिप्पणी की और यह बयान तब आया है, जब भारतीय सिविलियन दल मालदीव में अपनी विमानन कंपनी का कार्यभार संभालने पहुंचा। बता दें कि दोनों देशों के बीच सैनिकों को लेकर सहमति बनी है।
गत 2 फरवरी को दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी कि भारत अपने सैनिकों को मार्च से मई 2024 के बीच में मालदीव से वापस बुला लेगा। 8 फरवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने जानकारी दी थी कि सैनिकों को टेक्निकल टीम से रिप्लेस किया जाएगा।
बता दें कि मालदीव में इस समय भारतीय प्लेटफार्मों पर 88 सैन्यकर्मी तैनात हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से 2 हेलिकॉप्टरों और एक डोर्नियर विमान का उपयोग करके मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन्हें अब पायलटों और तकनीकी कर्मियों में बदला जाएगा।
President #MohamedMuizzu sets deadline for Indian troops to leave #Maldives: 'Not even…'https://t.co/0E1BCjUqIL pic.twitter.com/pqw8uJHNey
— Hindustan Times (@htTweets) March 5, 2024
मालदीव और चीन के बीच क्या समझौता हुआ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के साथ बिगड़े रिश्तों के बीच मालदीव और चीन की नजदीकियां बढ़ रही हैं। दोनों देशों के बीच 2 सैन्य समझौते हुए हैं। चीन ने मालदीव से वादा किया है कि वह बिना किसी शर्त के मालदीव को सैन्य सहायता उपलब्ध कराएगा। हरसंभव सहायता दी जाएगी।
हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि यह सहायता किस तरह की होगी, लेकिन दोनों देशों के बीच आधिकारिक समझौता हो गया है। इसके अलावा मलदीव ने एक समझौता चीन के उस जासूसी जहाज शियांग यांग हॉन्ग-3 को लेकर किया है, जो पिछले दिनों मालदीव आया था।
Maldives ordered Indian troops to leave the archipelago and signed a "military assistance" deal with China. Relations between the countries turned sour after President Mohamed Muizzu came to power on an "India Out" platform last year https://t.co/j21NA3bepB
— Alfons López Tena 🦇 (@alfonslopeztena) March 5, 2024
भारत और मालदीव के रिश्तों में क्यों आया तनाव?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें देखकर मालदीव के 3 मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी का विरोध हुआ और दोनों देशों के राजनयिक संबंध खराब हो गए।
विवाद गहराया तो मालदीव सरकार को टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों को सस्पेंड करना पड़ा। तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के 5 दिवसीय दौरे पर चले गए। चीन से लौटने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मुहज्जू लगातार भारत पर हमलावर हैं।