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अवॉर्ड्स नहीं लिए, 8 करोड़ का इनाम भी ठुकराया... पढ़िए Mathematics के जीनियस की अनोखी कहानी

Grigori Perelman: यह बात तो सभी जानते हैं कि जीनियस लोगों की आदतें और तौर-तरीके भी आम लोगों से अलग होते हैं। ऐसा ही है मैथ्स का ये जीनियस, जिसने अपनी फील्ड के सबसे बड़े अवॉर्ड को लेने से मना कर दिया। इतना ही नहीं इसने 10 लाख डॉलर का प्राइज मनी भी ठुकरा दिया था।
06:17 PM Aug 15, 2024 IST | Gaurav Pandey
अवॉर्ड्स नहीं लिए  8 करोड़ का इनाम भी ठुकराया    पढ़िए mathematics के जीनियस की अनोखी कहानी
Representative Image (Pexels)

Mathematics Genius Grigori Perelman : हर जीनियस का अपने काम में डूबने का अपना अलग अनोखा तरीका होता है। कई बार इसके लिए वह लाइमलाइट से एकदम दूर हो जाते हैं और अद्भुत डिस्कवरीज को अंजाम देने के लिए चुपचाप काम पर फोकस बना लेते हैं। ऐसे ही एक जीनियस का नाम है ग्रिगोरी पेरेलमान। गणित के बड़े रहस्य सुलझाने वाले इस मैथमैटिक्स जीनियस ने प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स ठुकरा दिए थे, करोड़ों की प्राइज मनी को ठोकर मार दी थी। इस रिपोर्ट में जानिए फेम या पैसे के लालच से बहुत दूर रहने वाले इस अनोखे गणितज्ञ की बेहद अनोखी कहानी।

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ग्रिगोरी रूस के मैथमैटीशियन हैं। उन्हें जियोमेट्रिक एनालिसिस, रीमैनियन जियोमेट्री और जियोमेट्रिक टोपोलॉजी में अपने योगदानों के लिए जाना जाता है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार मैथ की कई बड़ी समस्याओं को हल करने वाले ग्रिगोरी फिलहाल बेरोजगार हैं और सेंट पीटर्सबर्ग में अपनी मां और बहन के साथ रह रहे हैं। उनका घर कॉकरोच से भरा हुआ है लेकिन वह इसकी कोई परवाह नहीं करते। बेतरतीब दाढ़ी, बढ़े हुए नाखून, फटे-पुराने कपड़े पहने हुए ग्रिगोरी को देखकर किसी को अंदाजा भी नहीं होगा कि यह शख्स दुनिया के सबसे महान गणितज्ञों में से एक है।

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ग्रिगोरी पेरेलमान रूस के मैथमैटीशियन हैं। वह जियोमेट्रिक एनालिसिस, रीमैनियन जियोमेट्री और जियोमेट्रिक टोपोलॉजी में अपने योगदानों के लिए जाना जाता है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार मैथ की कई बड़ी समस्याओं को हल करने वाले ग्रिगोरी फिलहाल बेरोजगार हैं और सेंट पीटर्सबर्ग में अपनी मां और बहन के साथ रह रहे हैं। उनका घर कॉकरोच से भरा हुआ है लेकिन वह इसकी कोई परवाह नहीं करते। बेतरतीब दाढ़ी, बढ़े हुए नाखून, फटे-पुराने कपड़े पहने हुए ग्रिगोरी को देखकर किसी को अंदाजा भी नहीं होगा कि यह दुनिया के सबसे महान गणितज्ञों में से एक है।

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सुलझा दी मैथ्स की एक सबसे मुश्किल समस्या

बताते हैं कि एक बार एक जर्नलिस्ट ने फोनकॉल कर ग्रिगोरी से संपर्क करने की कोशिश की थी। लेकिन ग्रिगोरी ने उससे कहा कि मैं मशरूम तोड़ रहा हूं और तुम मुझे डिस्टर्ब कर रहे हो। सोवियत यूनियन के समय में लेनिनग्राड में जन्मे पेरेलमान ने लेनिनग्राड स्टेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। उनके काम को देखते हुए अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज उन्हें रिसर्च पोजिशन दे चुकी हैं। ग्रिगोरी की मां ने उनका टैलेंट तभी पहचान लिया था जब वह 10 साल के थे। बाद में उन्होंने गणित की सबसे मुश्किल समस्याओं में से एक पोइनकेयर कंजक्चर को सॉल्व कर इसे साबित भी किया था।

सराहना होने लगी तो छोड़ दी प्रोफेशनल गणित

पोइनकेयर कंजक्चर (Poincare Conjecture) को लेकर पेरेलमान की हाइपोथिसिस देखकर दुनिया के दिग्गज मैथमैटीशियन भी हैरत में पड़ गए थे। दिसंबर 2006 में उनके प्रूफ को गणित की फील्ट में सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक के तौर पर पहचान मिली थी। 'साइंस' जर्नल ने उनके काम को 'ब्रेकथ्रू ऑफ दि इयर' के टाइटिल के साथ पब्लिश किया था। जब पेरेलमान को पहचान मिलनी शुरू हुई तभी उन्होंने ऐलान कर दिया कि वह प्रोफेशनल मैथमैटिक्स को अलविदा कह रहे हैं। उन्होंने इसकी वजह को लेकर कहा कि मैं इस क्षेत्र के एथिकल स्टैंडर्ड्स (नैतिक मानक) से निराश हूं।

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गणित की दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड ठुकराया

जियोमेट्री के क्षेत्र में अपने अद्भुत योगदानों के लिए उन्हें फील्ड्स मेडल के लिए चुना गया था। फील्ड्स मेडल को गणित के क्षेत्र में सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। लेकिन, ग्रिगोरी पेरेलमान ने इसे स्वीकार करने से इनकार करके मैथमैटीशियंस के बीच तहलका मचा दिया था। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि मैं पैसे या फेम में इंटेरेस्टेड नहीं हूं। मैं किसी चिड़ियाघर में किसी जानवर की तरह सिर्फ देखने की चीज नहीं बनना चाहता। मैं मैथमैटिक्स का हीरो नहीं हूं। वह मैड्रिड में आयोजित हुई अवॉर्ड सेरेमनी में भी नहीं गए थे जहां पर किंग हुआन कारलोस उन्हें यह मेडल पहनाने वाले थे।

10 लाख डॉलर का इनाम लेने से इनकार किया!

इसके बाद साल 2010 में उन्हें क्ले मैथमैटिक्स इंस्टीट्यूट की ओर से 10 लाख डॉलर (लगभग 8.2 करोड़ रुपये) का इनाम देने का ऐलान किया गया था। लेकिन, ग्रिगोरी पेरेलमान ने इसे भी स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया था। सेंट पीटर्सबर्ग के स्टेक्लोव मैथमैटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सर्गेई किसलियाकोव के अनुसार ग्रिगोरी का यह मानना था कि उनके साथी मैथमैटीशियन उन्हें यह अवॉर्ड देने के काबिल ही नहीं थे। अब वह सोसायटी के साथ अपने सभी संबंध एक तरह से खत्म कर चुके हैं। फिलहाल वह ऐसी नौकरी की तलाश कर रहे हैं जिसका मैथ्स से कोई कनेक्शन न हो।

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