तबाह होने वाली है धरती! हजारों साल पुराने पिरामिड ढहे… क्या इसी में छिपा है अंत का संकेत?
World News: धरती पर तबाही आने वाली है। इसके संकेत मिलने लगे हैं। मैक्सिको में एक प्राचीन जनजाति द्वारा मानव बलि के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो पिरामिडों के ढहने के बाद ऐसा दावा किया गया है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पिरामिडों के ढहने के बाद स्थानीय जनजाति के लोगों को डर है कि पृथ्वी पर भयानक प्राकृतिक आपदा आने वाली है। ये दोनों पिरामिड आपस में जुड़े हुए थे और तूफानी बारिश के कारण दोनों पिरामिड ढह गए हैं। स्थानीय जनजाति ने पिरामिडों के ढहने को अलौकिक संकेत करार दिया है।
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मैक्सिको से आई तस्वीरों में दिख रहा है कि 15 जुलाई को भारी बारिश के बाद पिरामिड ढह गए हैं। बारिश के चलते एक हिस्सा बह गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पिरामिडों को प्यूरपेचा जनजाति ने बनाया है। इन पिरामिडों का निर्माण एज्टेक जनजाति को हराने के बाद कराया गया। इतिहासकारों के मुताबिक प्यूरपेचा जनजाति ने अपने देवता कुरिकवेरी को मानव बलि देने के लिए याकाटा पिरामिड का इस्तेमाल किया था। याकाटा पिरामिड मिचोआकन राज्य के इहुआत्जियो के पुरातात्विक स्थल में पाए जाते हैं।
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रिपोर्ट्स में प्यूरपेचा जनजाति से संबंध रखने वाले एक शख्स ने कहा कि पुरानी परंपराओं के मुताबिक तूफान से पिरामिडों को हुआ नुकसान आने वाले विनाश का संकेत है। इसे बनाने वाले पूर्वजों के लिए यह अपशकुन है, जो विनाश की एक बड़ी घटना के निकट होने का संकेत देता है। प्यूरपेचा जनजाति ने एज्टेक जनजाति को हराया था और 1519 में स्पेनिश हमले से पहले 400 साल तक मैक्सिको पर राज किया था।
मैक्सिकन नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंथ्रोपोलॉजी एंड हिस्ट्री ने अपने बयान में कहा कि इहुआत्जियो पुरातत्व इलाके के पिरामिडों में से एक का दक्षिणी हिस्सा ढह गया है। यह प्योरपेचा झील के बेसिन में भारी बारिश के कारण हुआ। घटना के बाद कर्मचारियों को नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा गया है। क्षतिग्रस्त पिरामिडों के मरम्मत की कोशिश की जा रही है।