whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

CIA और मोसाद ने वायरस से कैसे दिया दुनिया के पहले साइबर अटैक को अंजाम, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को कर दिया था तबाह

World News in Hindi: ईरान के परमाणु सिस्टम को तबाह किए जाने के पीछे एक खुफिया एजेंसी का हाथ था। जिसने अत्याधुनिक वायरस की मदद से साइबर अटैक किया था। इस हमले को स्टक्सनेट नाम दिया गया था। ये एजेंसी कहां की है, क्यों हमला किया गया? विस्तार से जान लेते हैं।
11:06 PM Sep 21, 2024 IST | Parmod chaudhary
cia और मोसाद ने वायरस से कैसे दिया दुनिया के पहले साइबर अटैक को अंजाम  ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को कर दिया था तबाह

World Latest News: हाल ही में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने लेबनान में पेजर समेत कई वायरलेस चीजों पर हमला किया था। जिसके सामने आने के बाद दुनिया चौंक गई थी। लेकिन आपको बता दें कि मोसाद इससे पहले भी ऐसे कारनामों को अंजाम दे चुकी है। इस तरह के हमले उसके लिए कोई नई बात नहीं है। 25 साल पहले भी मोसाद अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के साथ मिलकर एक बड़े साइबर अटैक को अंजाम दे चुकी है। जिसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सालों पीछे कर दिया था। माना जाता है कि यह दुनिया का पहला साइबर अटैक था। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के लिए ही मोसाद ने पूरा खेल किया था। इसके लिए एक खास तरह के वायरस का इस्तेमाल किया गया था।

Advertisement

CIA और Mossad ने मिलकर किया था अटैक

इस वायरस को Stuxnet का नाम दिया गया था, जो अपने आप में एक अलग तरह का साइबर हथियार था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और इजरायल की Mossad ने इसे मिलकर बनाया था। जिसका मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को जबरदस्त नुकसान पहुंचाना था। ईरान अपने नाटांज (Natanz) स्थित परमाणु संयंत्र में हथियार विकसित करने के लिए जुटा था। Stuxnet को मुख्य रूप से संयंत्र के सेंट्रीफ्यूज को नुकसान पहुंचाने के लिए डेवलप किया गया था। सेंट्रीफ्यूज (centrifuges) यूरेनियम को समृद्ध करने और उसे असामान्य गति से चलाने, धीमा करने के लिए यूज होते हैं। वायरस ने यहीं अटैक किया था।

यह भी पढ़ें:कभी थे सबसे बड़े धनकुबेर, फिर कोरोनाकाल में गंवाए 5856175 करोड़; कौन है ये शख्स… कितनी बची है संपत्ति?

Advertisement

जिसके बाद संयंत्र के कई उपकरण फेल हो गए थे। न ही इसके पीछे कोई वजह सामने आई थी। जिसके बाद ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचा था। उसका परमाणु कार्यक्रम कई साल पीछे चला गया था। Stuxnet कंप्यूटर वर्म की तरह फैला, जिसने माइक्रोसॉफ्ट विंडोज पर आधारित कंप्यूटर सिस्टम को टारगेट किया। इस वायरस को पर्यवेक्षी नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण (SCADA) सिस्टम्स पर हमला करने के लिए खास तौर पर बनाया गया था। जिसका मकसद संयंत्र की औद्योगिक नियंत्रक प्रणालियों को कंट्रोल करना था।

Advertisement

ईरान में खूब मचाई थी तबाही

ईरान में वायरस ने इंटरनेट से जुड़ाव नहीं होने के बाद भी भीषण तबाही मचाई थी। बताया जाता है कि वायरस को वहां तक पहुंचाने के लिए USB ड्राइव्स की मदद ली गई। जिसकी वजह से सेंट्रीफ्यूजों की गति असामान्य तौर पर तेज हो गई थी। वे समय से पहले ही टूट गए। यह वायरस चुपचाप काम करता है। जिसने ईरानी संयंत्र के 1000 से अधिक सेंट्रीफ्यूज तोड़ डाले थे।

यह भी पढ़ें:नेशनल पार्क में बिछड़ी, फिर दो महीने में 800 मील का सफर तय कर कैसे मालिक से मिली ये बिल्ली?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो