पानी में उतरने के महज 90 सेकेंड में डूब गया 8 मंजिला जहाज, 193 लोगों की बन गई जल समाधि
MS Herald Of Free Enterprise Ship Capsized: अप्रैल 1912 में जब टाइटैनिक जहाज डूबा था तो पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टाइटैनिक जैसा एक और हादसा हुआ था। एक शिप समुद्र के उतरने के बाद सिर्फ 90 सेकेंड के अंदर डूब गया था और 193 लोग मारे गए थे।
करीब 8 मंजिला शिप में क्रू के 80 मेंबर और करीब साढ़े 400 पैसेंजर थे, लेकिन बचाव अभियान दल के पहुंचने तक नौकाओं से जितने लोग बच सके, बच गए। बाकी लोग डूब चुके थे। हादसा यूरोपियन देश बेल्जियम में हुआ था। 6 मार्च 1987 की रात को जहाज बंदरगाह जीब्रुगी (Zeebrugge) से निकला था।
#otd 6 March 1987 – The British ferry MS Herald of Free Enterprise capsizes in about 90 seconds, killing 193.
The ship left harbour with her bow door open, & the sea immediately flooded the decks; within minutes, she was lying on her side in shallow water.#Britishhistory pic.twitter.com/xztIsZshTp
— BRITISH History - On This Day (@BritishHistorym) March 6, 2021
हादसे के बाद जहाज का नाम बदला गया
जहाज का नाम MS हेराल्ड ऑफ फ्री एंटरप्राइज (MS Herald of Free Enterprise) था और रोल-ऑन/रोल-ऑफ (RORO) जहाज था। इसे यूरोपियन कंपनी टाउनसेंड थोरेसन (Townsend Thoresen) ऑपरेट करती थी। हादसे के बाद 30 सितंबर 1987 में जहाज को SA किंग्सटाउन ने खरीद लिया था।
इसका नाम भी बदलकर फ्लशिंग रेंज रख दिया गया था। 22 मार्च 1988 को इसे ताइवान भेजकर खत्म कर दिया गया था। इस हादसे से सबक लेकर RORO जहाजों के डिजाइन में यूरोपियन देशों ने बदलाव किए। वॉटरकैंप रैंप और इंडिकेटर लगाए, ताकि दरवाजा खुला या बंद होने का पता चले, लेकिन शिप वापस नहीं आया।
@RMTunion remembers: MS Herald of Free Enterprise - 193 passengers and crew died after the ship departed Zeebrugge with her bow doors open which led to her capsize on this day in 1987 pic.twitter.com/F0jzOoPkML
— RMT (@RMTunion) March 6, 2019
मेन दरवाजा खुला रहने के कारण भरा पानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब हादसे की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि मानवीय चूक हुई थी। क्रू मेंबर्स की गलती थी। ड्राइवर की लापरवाही थी, क्योंकि उसने जहाज का मुख्य दरवाजा खुला छोड़ दिया था। उसने ध्यान नहीं दिया और बाकी क्रू मेंबर्स सो रहे थे। हादसे का दूसरा कारण जहाज में वॉटरटाइट कंपार्टमेंट (Watertight Compartments) नहीं होना था।
अगर यह कंपार्टमेंट होते तो जहाज में पानी नहीं भरता। हादसे का तीसरा कारण कम्यूनिकेशन सिस्टम की खराबी थी। समय रहते हादसे के बारे में बंदरगाह के अधिकारियों को बताया नहीं जा सका। जहाज की लंबाई 432 फीट 9 इंच थी, जिसके कारण यह इतना विशाल था कि इसमें 81 कारें, 3 बसें और 47 ट्रक लोड किए गए थे।
Did you know that ships don't always sink slowly like the Titanic? The MS Herald of Free Enterprise took exactly 90 seconds to flood and capsize, trapping passengers and crew inside and making the use of life boats impossible.#SeyToTheWorld pic.twitter.com/d7uhcK2n5u
— Komla Mankrado! (@sey_degenius) December 18, 2017
हाइपोथरमिया के कारण भी मारे गए पैसेंजर
जहाज शाम को करीब 6.24 मिनट पर टूर के लिए निकला था, लेकिन सिर्फ 4 मिनट के अंदर इसमें पानी भर गया था। पानी भरने से जहाज एक तरफ झुकता चल गया। सबसे पहले जहाज के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में पानी भरा, जिससे लाइट गुल हो गई। जब बिजली चली गई तो क्रू मेंबर्स ने बंदरगाह क अधिकारियों को बताया।
साथ ही पता चला कि मेन डोर खुला है। करीब 7 बजकर 37 मिनट पर अलार्म बजाया गया और लोगों को जहाज डूबने के बारे में बताया गया। बेल्जियम एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर रेस्क्यू करने पहुंचे, लेकिन निकालने से पहले ही कुछ यात्री हाइपोथरमिया से मारे गए। उनके शरीर का तापमान कम हो गया था, जिस वजह से उनका हार्ट फेल हो गया। कई पैसेंजर्स समुद्र में कूद गए।