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अकेले एस्टेरॉयड ने नहीं किया था डायनासोर का सफाया, 6 करोड़ साल पहले धरती पर कैसे मची थी तबाही?

World Latest News: डायनासोर के लुप्त होने को लेकर अब स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग स्थित हेरियट वाट शोध विश्वविद्यालय की नई स्टडी रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि डायनासोर का खात्मा सिर्फ एक एस्टेरॉयड ने नहीं किया था। 6 करोड़ साल पहले डायनासोर लुप्त हो गए थे। नई रिपोर्ट के बारे में जानते हैं।
09:15 PM Oct 03, 2024 IST | Parmod chaudhary
अकेले एस्टेरॉयड ने नहीं किया था डायनासोर का सफाया  6 करोड़ साल पहले धरती पर कैसे मची थी तबाही

World News in Hindi: बताया जाता है कि 66 मिलियन (6 करोड़) साल पहले एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराया था। जिसकी वजह से धरती से डायनासोर लुप्त हो गए थे। लेकिन अब चौंकाने वाली नई स्टडी रिपोर्ट सामने आई है। स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग स्थित हेरियट वाट शोध विश्वविद्यालय के डॉ. उइसडेन निकोलसन ने चौंकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि डायनासोर को खत्म करने वाला विशाल क्षुद्रग्रह अकेला नहीं था। एक और क्षुद्रग्रह पश्चिमी अफ्रीका के तट पर गिरा था। जो पहले के क्षुद्रग्रह के मुकाबले छोटा था। इससे एक विशाल गड्ढा बन गया, जिससे अटलांटिक महासागर में 800 मीटर ऊंची सुनामी आई थी। निकोलसन ने ही सबसे पहले 2022 में नादिर क्रेटर की खोज की थी।

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सटीक तारीख किसी को नहीं पता

क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से टक्कर इतनी भयंकर थी कि मेक्सिको के पास 145 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा हो गया था। इसको लेकर कुछ ज्यादा बातें पता नहीं चल सकी थीं। सटीक तारीख तो वैज्ञानिक नहीं बता पाए, लेकिन मेक्सिको में गिनी पठार के पास इसे चिक्सुलब क्रेटर नाम दिया था। डायनासोर के लुप्त होने का कारण इसे भी माना जाता है। वैज्ञानिकों को दावा है कि जब छोटी चट्टान क्रेटेशियस काल के अंत में पृथ्वी के वायुमंडल में टकराई तब आग का गोला बन गया था। बताया जा रहा है कि यह आग का गोला सूर्य के आकार से 24 गुना बड़ा था। जिसकी वजह से पेड़-पौधे और जीवन पूरी तरह तबाह हो गया।

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माना जा रहा है कि इसके बाद 7 रिएक्टर स्केल की तीव्रता से भूकंप आया। जिसकी वजह से समुद्र तल से भारी मात्रा में पानी निकला। इसके बाद वापस नीचे की ओर बहकर गया। जिसके निशान आज भी तल पर देखे जा सकते हैं। इतने बड़े क्षुद्रग्रह सौरमंडल में थोड़े समय के भीतर हमारी पृथ्वी से क्यों टकराए? यह असामान्य बात है। शोधकर्ताओं के अनुसार नादिर क्रेटर बनाने वाले क्षुद्रग्रहों की चौड़ाई 450-500 मीटर बताई गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दोनों 72 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी से टकराए थे। ऐसी घटना 1908 में तुंगस्का में भी हो चुकी है, जब साइबेरिया के आसमान में 50 मीटर का क्षुद्रग्रह फट गया था।

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नादिर क्षुद्रग्रह कब टकराएगा?

नादिर क्षुद्रग्रह को बेन्नू आकार का बताया गया था, जो अब तक पृथ्वी की परिक्रमा कर रही सबसे खतरनाक चीज है। नासा का दावा है कि 24 सितंबर 2182 को यह पृथ्वी से टकरा सकता है। वैज्ञानिक आम तौर पर पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर मिट चुके क्रेटरों के बारे में जानकारी जुटाते रहते हैं। नादिर क्रेटर को और अधिक समझने के लिए डॉ. निकोलसन और उनकी टीम काम कर रही है। टीम ने TGS नामक एक Geophysical Company से उच्च रिजॉल्यूशन 3D डेटा का विश्लेषण भी किया है। दुनिया में केवल अभी तक 20 समुद्री क्रेटर हैं, लेकिन किसी का भी इस तरह विस्तार से अध्ययन नहीं किया गया है।

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