whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

आख‍िर क्‍यों नामीब‍िया में हाथी-जेब्रा को मारकर खाने की आई नौबत? जंगली जानवरों का हो रहा कत्‍लेआम

Namibia to slaughter 83 Elephants: इंसान अब अपनी भूख म‍िटाने के ल‍िए हाथी, जेब्रा और ह‍िप्‍पो जैसे जंगली जानवरों को भी खाने से पीछे नहीं हट रहा है। अफ्रीका के नामीब‍िया देश ने आदेश जारी क‍िया है क‍ि मीट के ल‍िए वह इन बेजुबानों की हत्‍या करेगा।
10:42 PM Aug 28, 2024 IST | Amit Kumar
आख‍िर क्‍यों नामीब‍िया में हाथी जेब्रा को मारकर खाने की आई नौबत  जंगली जानवरों का हो रहा कत्‍लेआम
Namibia Elephants

Namibia Drought forced to eat Elephants : अफ्रीका के एक देश से जो खबर आई है, वो सच में बहुत ही डराने वाली है। नामीब‍िया में अकाल से हालात ऐसे बन गए हैं क‍ि लोगों के सामने हाथी-जेब्रा समेत कई जंगली जानवरों को मारकर खाने की नौबत आ गई है। दक्ष‍िणी अफ्रीका के इस देश में जो फरमान जारी हुआ है, उसके मुताब‍िक 83 हाथी, 300 जेब्रा, 30 ह‍िप्‍पो समेत 723 जंगली जानवर स‍िर्फ खाने के ल‍िए मार द‍िए जाएंगे। यह सुनकर हर कोई हैरान है क‍ि क्‍या इस देश के पास सच में कोई दूसरा चारा नहीं बचा है। जंगली जानवरों को मारकर खाने के अलावा! 157 से ज्‍यादा जानवर तो पहले ही मारे जा चुके हैं।

Advertisement

दरअसल ये देश भीषण सूखे से जूझ रहा है और इनके पास अपना पेट भरने के ल‍िए भी खाना नहीं बचा है। ऐसे में वहां की सरकार ने यह तरीका न‍िकाला है। दक्ष‍िणी अफ्रीका के नामीब‍िया में यह संकट आ खड़ा हुआ है। यहां के पर्यावरण मंत्रालय का कहना है क‍ि यह कत्‍लेआम उन नेशनल पार्क या सामुदाय‍िक स्‍थलों पर होगा, जहां सरकार को लगता है क‍ि जानवरों की संख्‍या उनके ल‍िए उपबल्‍ध खाना और पानी से ज्‍यादा है।

84 फीसदी खाना खत्‍म

अफ्रीका के दक्ष‍िणी क्षेत्र में इस समय भीषण सूखे की स्‍थ‍ित‍ि बनी हुई है। खासतौर से नामीब‍िया में हालत बहुत ही खराब हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र की मानें तो प‍िछले महीने ही यहां का 84 फीसदी फूड र‍िजर्व खत्‍म हो चुका है। च‍िंता इस बात की भी है क‍ि आने वाले समय में नामीब‍िया की आधी आबादी के ल‍िए दो वक्‍त का खाना जुगाड़ने की भी समस्‍या पैदा होने वाली है।

Advertisement

Advertisement

कत्‍लेआम की खुली छूट

इसी के चलते सरकार ने बड़ी संख्‍या में जंगली जानवरों को मारने की छूट दे दी है। सरकार के मुताब‍िक 83 हाथ‍ियों और 300 जेबरा के अलावा 30 ह‍िप्‍पो, 60 जंगली भैंसे, 50 इंपाला, 100 ब्‍लू वाइल्‍डबीस्‍ट इन 723 जंगली जानवरों को खाने के ल‍िए मारा जाएगा। सरकार का कहना है क‍ि अगर वह इसकी परम‍िशन नहीं देते हैं तो जंगली जानवरों और इंसानों के बीच संघर्ष काफी ज्‍यादा बढ़ जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 83 हाथ‍ियों की पहचान कर ली है। ये वो क्षेत्र हैं, जहां इंसानों के साथ संघर्ष की घटनाएं ज्‍यादा होती हैं। सूखा राहत कार्यक्रम के तहत इन हाथ‍ियों का मीट लोगों में खाने के ल‍िए बांटा जाएगा।

अब तक 56 हजार क‍िलो मीट खाया जा चुका

सरकार के इस आदेश से पहले ही नामीब‍िया में यह कत्‍लेआम शुरू हो चुका है। श‍िकार‍ियों और सरकार के ल‍िए ठेका लेने वाली कंपनी 157 से ज्‍यादा जंगली जानवरों को मार चुकी हैं। इसके जर‍िए 56,800 क‍िलो मीट इकट्ठा कर लोगों में बांटा जा चुका है। सरकार का कहना है क‍ि यह कदम उठाना जरूरी है और यह नामीब‍िया के नागर‍िकों के ह‍ित में है। दक्ष‍िणी अफ्रीका में आने वाले ज‍िम्‍बाब्‍वे, जाम्‍ब‍िया, बोत्‍स्‍वाना, अंगोल और नामीब‍िया में कम से कम 2 लाख से ज्‍यादा हाथी हैं। दुन‍ियाभर में सबसे ज्‍यादा हाथी यहीं पर हैं। प‍िछले साल जब बोत्‍स्‍वाना और ज‍िम्‍बाब्‍वे में जब सूखा पड़ा तो सैकड़ों हाथी मारे गए थे।

ये भी पढ़ें: महीनों पहले पता चल जाएगा आने वाला है भूकंप!

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो