500 बारातियों के साथ जनकपुर पहुंचे श्रीराम, इस दिन होगा सीताराम विवाह महोत्सव
अभिषेक मिश्रा, जनकपुर, नेपाल
Nepal Janakpur Shri Ram Sita Vivah Mahotsav: नेपाल का जनकपुर प्रभु श्रीराम और सीता माता के विवाह के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है। प्रभु श्रीराम पालकी पर सवार होकर 500 बारातियों के साथ जनकपुर पहुंच गए हैं। जहां 6 दिसंबर को श्री सीताराम विवाह महोत्सव मनाया जाएगा। नेपाल के जनकपुर में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार सीताराम विवाह महोत्सव 1 दिसंबर से 6 दिसंबर तक मनाया जा रहा है। जिसमें फुलवारी मिलन, तिलकौर, मटकोर के साथ धनुष तोड़ने और स्वयंवर जैसी रस्मों को पूरा किया जाता है। यह परंपरा त्रेता युग के बाद 1960 से लगातार चलती आ रही है। इसमें अयोध्या के साधु-संत और जनकपुर धाम के साधु-संतों के बीच समन्वय होता है। जिससे यह महोत्सव सफल बनाया जाता है।
अयोध्या पहुंचे थे मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह
बता दें कि नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह 18 नवंबर को जनकपुर से 500 लोगों के साथ अयोध्या पहुंचे थे। जहां श्रीराम लला का तिलकोत्सव महोत्सव मनाया गया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने जब कैबिनेट से अयोध्या जाने की सहमति मांगी तो कैबिनेट द्वारा चुप्पी साध ली गई, लेकिन सभी प्रोटोकॉल को भूलकर आस्था के भाव से वे नेपाल को हिंदू राष्ट्र की पहचान देने के लिए अयोध्या पहुंच गए। इसके बाद 18 नवंबर को तिलकोत्सव कर जनकपुर वापस लौटे।
मिथला पेंटिंग से सजा जनकपुर
जानकारी के अनुसार, प्रभु श्रीराम 500 बारातियों के साथ जनकपुर के जानकी मंदिर पहुंच गए हैं। इन 500 बारातियों में भारत के महंत, अलग-अलग राज्यों से धर्मावलंबी, कथावाचक और साधु शामिल हैं। ये साधु 13 तीर्थों का जल लेकर गए हैं। साथ ही चार रथ भी हैं। महिलाओं ने उनका स्वागत किया। खास बात यह है कि मिथलानी चित्रकार सुनैना ठाकुर और मिथलानी कलाकारों ने पूरे जनकपुर की दीवारों को मिथला पेंटिंग से सजाया है। जिससे जनकपुर विवाह रंग में रंगा नजर आ रहा है। महिलाओं ने गीत गाकर बारात का स्वागत किया।
क्या-क्या होंगे कार्यक्रम?
आज धनुष यज्ञ है। जिसमें श्रीराम धनुष शिवजी का तोड़ेंगे। बता दें कि रामायण के अनुसार, मिथिला के राजा जनक ने अपनी बेटी सीता के स्वयंवर के लिए आयोजित किया था। जिसमें उन्होंने एक शर्त रखी। उन्होंने कहाक कि जो भी राजा शिव धनुष को तोड़ेगा, उसी के साथ सीता विवाह होगा। इस धनुष को कई राजाओं ने तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। आखिरकार प्रभु श्रीराम ने इस धनुष को तोड़कर सीताजी से विवाह किया। इसके साथ ही मटकौर कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें सीता माता पोखर के किनारे की मिट्टी लाएंगी। इसके बाद 12 बीघा रंगशाला में स्वयंवर होगा। जिसके बाद जानकीमहल में हिंदू रीति-रिवाज से 6 दिसंबर को शादी होगी।
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7 दिसंबर को होगी विदाई
7 दिसंबर को मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह अपने परिसर के अंदर साधु संन्यासियों को भोजन करवाएंगे। साथ ही वस्त्रदान करके उन्हें विदा करेंगे। विवाह कार्यक्रम के लिए जनकपुर में अलग-अलग इलाकों में पंडालों में भोजन की व्यवस्था की गई है। साथ ही सुरक्षा को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अलग-अलग इलाकों में पेट्रोलिंग करने की मांग की गई है। जिसका खर्च मधेश प्रदेश सरकार वहन करेगी।
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