ओसामा के बेटे ने क्यों रंग दीं वो पहाड़ियां जिनमें छिपता था बिन लादेन?
Osama Bin Laden : 11 सितंबर 2001 के दिन को आधुनिक इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। इसी दिन अल-कायदा के सरगना ओसामा बिल लादेन ने अमेरिका को अपना निशाना बनाया था। अब इस घटना को 24 साल बीत चुके हैं, अमेरिका इसका बदला भी ले चुका है और ओसामा को मौत की नींद सुला चुका है लेकिन अब भी ओसामा का नाम आतंक का पर्याय बना हुआ है।
ओसामा बिन लादेन के बेटे उमर बिन लादेन का कहना है कि उनका सरनेम कहीं भी सम्मान से नहीं पुकारा जाता फिर भी वह इसे छोड़ेंगे नहीं। उमर के दादा मोहम्मद बिन लादेन एक मेहनती व्यक्ति थे जिन्होंने सऊदी अरब में कंस्ट्रक्शन का अपना साम्राज्य खड़ा किया था और वहां के राजा अब्दुलअजीज के करीबी थे। लेकिन, 9/11 के हमलों के साथ ओसामा ने उनके परिवार के नाम की इज्जत मिट्टी में मिला दी थी।
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'ज्यादातर लोग अच्छे दिल वाले'
द न्यू स्टेट्समैन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान उमर ने कहा कि अगर मैं अपने दादा का नाम छोड़ दूंगा तो अपना सामना नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा कि जब लोगों को पता चलता है कि मैं ओसामा बिन लादेन का बेटा हूं तो वह झिझकते हैं। लेकिन, यह झिझक दूर होने के बाद आम तौर पर वह मेरे जीवन की कहानी में इंटेरेस्ट लेते हैं और अक्सर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं। इससे मुझे भरोसा हुआ है कि ज्यादातर लोग अच्छे दिल वाले हैं।
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बता दें कि उमर, ओसामा के चौथे बेटे हैं। उन्होंने उन पहाड़ियों को भी पेंट कर दिया है जहां ओसामा 9/11 हमले को अंजाम देने के बाद छिपने गया था। उमर ने कहा कि मैं चाहता हूं कि दुनिया इस बात को समझे कि मैं मैच्योर हूं। मुझे खुद से कोई दिक्कत नहीं है। दुनिया को यह समझना होगा कि इतिहास इतिहास होता है, और जो कुछ भी होता है हमें उसके साथ जीना सीखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पिता के पापों की सजा बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए।
भूल नहीं सकते तो माफ कर दें
उमर ने कहा कि अगर आप भूल नहीं सकते तो आपको माफ कर देना चाहिए। बता दें कि मई 1996 में ओसामा बिन लादेन अफगानिस्तान कती तोरा बोरा पहाड़ियों में गया था। इस दौरान उसके साथ सिर्फ उमर था और वहां उसने आतंकी ट्रेनिंग कैंप्स की स्थापना की थी। वहां पर उमर अपने पिता के लिए चाय लाने का काम करता था। 9/11 हमले के कुछ महीने पहले ही वो लोग तोरा बोरा से वापस लौटे थे।
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