India-US ने PAK को बताया आतंकवाद का प्रमोटर, शहबाज सरकार पर बसे इमरान खान, बोले- अलग-थलग हो गए
India-US On Pakistan: भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रमोटर बताया गया। इस बयान के बाद पाकिस्तान की मौजूद सरकार भले ही चुप हो, लेकिन पूर्व पीएम इमरान खान का बयान आया है। उन्होंने शहबाज सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पाकिस्तान की आयातित सरकार ने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अप्रासंगिक बना दिया है। अलग-थलग हो गए हैं। इसके साथ ही हमारे लोकतंत्र, कानून का शासन और संपूर्ण आर्थिक और संस्थागत ढांचा हमारी आंखों के सामने ढह रहा है।
विदेश मंत्री की यात्राओं के बाद क्या बदला?
इमरान खान ने कहा कि जनरल बाजवा ने अपने पीडीएम साथियों के साथ दावा किया कि मैंने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया है। हम उनसे और पीडीएम से जो सवाल पूछना चाहते हैं कि सरकार में एक साल रहने और पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अनगिनत यात्राओं के बाद भारत/अमेरिका का संयुक्त बयान पाकिस्तान को भारत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले के रूप में दर्शाता है और इससे अधिक कुछ नहीं।
पीटीआई प्रमुख इमरान ने कहा कि तो अब आयातित सरकारी प्रयोग ने न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अप्रासंगिक बना दिया है, बल्कि हमारा लोकतंत्र, कानून का शासन और संपूर्ण आर्थिक और संस्थागत ढांचा भी हमारी आंखों के सामने ढह रहा है।
Gen Bajwa along with his PDM cronies claimed that I had isolated Pakistan internationally.
The question we want to ask him and PDM is that after a year in government and countless trips of Pakistan's FM to the US, the joint India/US statement reduces Pakistan to a promoter of… pic.twitter.com/2qyRqnHp5J
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 23, 2023
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा?
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त रुप से कहा किवैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं। आतंकवाद के सभी रूपों का हम निंदा करते हैं। बाइडेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अल-कायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), और हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन सहित सभी संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान दोहराया।
पाकिस्तान को चेतावनी दी गई कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले शुरू करने के लिए न किया जाए।
(Klonopin)