whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

क्या था लाहौर रिजॉल्यूशन? दिल्ली में 'पाकिस्तान नेशनल डे' के रूप में मनाई जाएगी सालगिरह!

What Was Lahore Resolution: पाकिस्तान 23 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। इस साल वह इस मौके पर नई दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी में है। साल 1940 में इसी दिन ऑल इंडिया पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग करते हुए लाहौर रिजॉल्यूशन अपनाया था।
09:54 AM Mar 04, 2024 IST | Gaurav Pandey
क्या था लाहौर रिजॉल्यूशन  दिल्ली में  पाकिस्तान नेशनल डे  के रूप में मनाई जाएगी सालगिरह
All India Muslim League Leaders in Lahore (Wikipedia)

What Was Lahore Resolution : बड़ी उथल-पुथल और संकटों के बाद पाकिस्तान में आखिरकार नई सरकार का गठन हो गया है। भारत के साथ सालों चले डिप्लोमैटिक तनाव के बाद अब पड़ोसी देश संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए पाकिस्तान ने 4 साल के बाद इस साल फिर नई दिल्ली में अपना राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। बता दें कि साल 1940 में 23 मार्च को ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने लाहौर रिजॉल्यूशन अपनाया था। इसी की सालगिरह को पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाता है। इस रिपोर्ट में जानिए लाहौर रिजॉल्यूशन क्या था और पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस दिल्ली में कैसे मनाया जाता है?

Advertisement

क्या था लाहौर रिजॉल्यूशन?

ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने साल 1940 में लाहौर में अपने आम सत्र के दौरान लाहौर रिजॉल्यूशन अपनाया था। इस रिजॉल्यूशन के जरिए भारत के मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग की गई थी। यह सत्र 22 मार्च से 24 मार्च तक चला था। हालांकि, इस रिजॉल्यूशन में पाकिस्तान शब्द का कहीं कोई जिक्र नहीं था। इस पर यह बहस भी हुई थी कि इसमें एक अलग देश की मांग की गई थी या फिर दो। साल 1956 में 23 मार्च को ही पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से अपना पहला संविधान अपनाया था, जिसने इस देश को इस्लामी गणराज्य का दर्जा दिया था। जहां लाहौर रिजॉल्यूशन अपनाया गया था वहां पर एक मीनार का निर्माण भी कराया गया था।

Advertisement

कौन-कौन सी मांगें उठाईं?

लाहौर रिजॉल्यूशन में घोषणा की गई थी कि ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सत्र का मानना है कि इस देश में कोई संवैधानिक योजना तब तक काम नहीं करेगी या मुसलमानों के लिए स्वीकार्य नहीं होगी जब तक इसे भौगोलिक नजरिए से सन्निहित इकाइयों को क्षेत्रों में सीमांकित करने के बुनियादी सिद्धांत पर तैयार नहीं किया जाता। इसमें भारत के उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए स्वतंत्र रियासतों की मांग की गई थी। इसमें लिखे 'भारत के उत्तर-पश्चिमी व पूर्वी इलाकों' और 'स्वतंत्र देश' जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर कई नेताओं ने खास कर बंगाली नेताओं ने आपत्ति जताई थी कि क्या इसमें दो अलग देश बनाए जाने की मांग की गई है।

Advertisement

हालांकि, इसे अपनाए जाने के बाद मुस्लिम लीग और इसके सबसे बड़े नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि लाहौर रिजॉल्यूशन दो देशों के बारे में था, जिसमें से एक हिंदुओं और दूसरा मुसलमानों के लिए था। रिजॉल्यूशन में यह मांग भी की गई थी कि भारत के अन्य हिस्सों में जहां मुसलमान अल्पसंख्यक हैं, वहां उनके लिए संविधान में प्रभावी और जरूरी सुरक्षा के मानक उपलब्ध कराए जाने चाहिए, ताकि उनके धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और अन्य अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लाहौर रिजॉल्यूशन को स्वीकार करने के सात साल बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लीग अलग देश बनाने की अपनी मांग मनवाने में सफल हो पाई थी।

नई दिल्ली में आयोजन कैसे?

दिल्ली में पाकिस्तान के दूतावास परिसर में 23 मार्च या इसके आस-पास पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में विदेशी और भारतीय डिप्लोमैट्स शामिल होते हैं। आम तौर पर एक मंत्री या राज्य मंत्री को इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्रगान गाए जाते हैं, जिसके बाद पाकिस्तानी उच्चायुक्त और मुख्य अतिथि का संबोधन होता है। रिपोर्ट के अनुसार इस साल दिल्ली में यह आयोजन 28 मार्च को होने की संभावना है।

ये भी पढ़ें: उत्तरी गाजा में भूखे लोगों पर इजराइल ने ढाया कहर

ये भी पढ़ें: हमास आतंकियों का खौफ, बोलना ही भूल गई बच्ची

ये भी पढ़ें: हिमालय के 90 फीसदी हिस्से में पड़ सकता है सूखा

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो