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पाकिस्तानी मरीज, भारतीय डॉक्टर; श्रीलंका में ऑपरेशन...और बच गई आंखों की रोशनी

Pakistani Patient Eye Surgery in Sri Lanka by Indian Doctor: चार महीने पहले लाहौर में रहने वाले एक शख्स की आंखों की रोशनी चली गई। 2 बार कॉर्नियल ट्रांस्प्लांट करवाने के बावजूद आंखें सही नहीं हुई। भारत का वीजा न मिलने पर मुंबई के एक डॉक्टर ने श्रीलंका में पीड़ित मरीज की सर्जरी की और सर्जरी सफल साबित हो गई।
09:25 AM Sep 29, 2024 IST | Sakshi Pandey
पाकिस्तानी मरीज  भारतीय डॉक्टर  श्रीलंका में ऑपरेशन   और बच गई आंखों की रोशनी
Pic Credit: Meta AI

Mumbai News: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की पहेली किसी से छिपी नहीं है। हालांकि अब दोनों देशों के बीच चौंकाने वाला किस्सा सामने आया है। आंखों का ऑपरेशन कराने के लिए एक पाकिस्तानी नागरिक श्रीलंका पहुंचा, जहां एक भारतीय डॉक्टर ने इस ऑपरेशन को सफल कर दिखाया। मुंबई के मशहूर सर्जन डॉ. कुरेश मस्कती के चार महीने के फॉलोअप के बाद पाकिस्तानी मरीज की आंखों का ऑपरेशन सफल रहा। भारत और पाकिस्तान के बीच इस अनोखे किस्से की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।

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4 महीने पहले गई आंखों की रोशनी

पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले एक मरीज की आंखों की रोशनी चली गई थी। आंखों को सही करने के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र रास्ता था। पिछले कई महीने से शख्स ने भारत में मेडिकल वीजा के लिए अप्लाई किया था। मगर उसे वीजा नहीं मिल सका। डॉ. कुरेश चार महीने से मरीज को फॉलोअप दे रहे थे। आखिर में उन्होंने श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में ऑपरेशन करने का फैसला किया। कोलंबो के कुछ डॉक्टर्स की मदद से यह ऑपरेशन सफल रहा।

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48 घंटे तक चला ऑपरेशन

मुंबई के सर्जन डॉ. कुरेश मस्कती ने बताया कि मुझे एक कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में कोलंबो जाना था। मैंने श्रीलंकन मेडिकल काउंसिल से संपर्क किया और उन्होंने मरीज का ऑपरेशन करने की मंजूरी दे दी। श्रीलंका के लोकल आई सर्जन डॉ. कुसुम रथनायके की मदद से 13 सितंबर को हमने ऑपरेशन शुरू किया था। 48 घंटे बाद ऑपरेशन सफल साबित हुआ। मरीज 24 सितंबर को पाकिस्तान वापस लौट गया।

मरीज ने सुनाई आपबीती

30 साल के पाकिस्तानी मरीज ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि पिछले चार महीने से मैंने अपने परिवार की शक्ल नहीं देखी थी। आंखों की रोशनी वापस आने के बाद अपनी 7 साल की बेटी समेत पूरे परिवार को देखकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। घर की अटारी साफ करते समय एक केमिकल की बोतल टूट गई और उसका पूरा घोल मेरे सिर के साथ-साथ चेहरे पर भी फैल गया। मेरी दाहिनी आंख पूरी तरह से खराब हो गई। मैंने 2 बार बाईं आंख पर कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करवाया, जो कि असफल रहा।

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डॉ. कुरेश से कैसे हुई मुलाकात?

डॉ. कुरेश मस्कती ने बताया कि आर्टिफिशियल कॉर्निया एक आखिरी उम्मीद थी। मरीज के स्थानीय डॉक्टर ने मुझसे संपर्क किया। मैं एक कॉन्फ्रेंस के लिए पाकिस्तान गया, तो मेरी मुलाकात मरीज से हुई थी। मुझे लगा शायद आर्टिफिशियल कॉर्निया से उसकी आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी। आखिरकार सर्जरी सफल रही। 48 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद उनकी आंखें बिल्कुल सही हो गईं।

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