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10000 फीट ऊंचाई, अचानक समुद्र में प्लेन गिरा; 1500 मीटर गहरे पानी में तड़प-तड़प कर मरे 23 पैसेंजर्स

Today History in Hindi: प्लेन 10 हजार फीट की ऊंचाई से समुद्र में गिरा और 1500 मीटर की गहराई में डूबकर 23 पैसेंजर्स मारे गए। हादसा कैसे हुआ और लैंडिंग के दौरान क्या लापरवाहियां बरती गईं, इसका खुलासा जांच में हुआ। आइए जानते हैं, विमान हादसे की खौफनाक कहानी...
07:44 AM May 02, 2024 IST | Khushbu Goyal
10000 फीट ऊंचाई  अचानक समुद्र में प्लेन गिरा  1500 मीटर गहरे पानी में तड़प तड़प कर मरे 23 पैसेंजर्स
ALM Flight 980 Crash 2 May 2024 History of the Day

ALM Flight 980 Crash Memoir: फ्लाइट लैंड होनी थी, 10 हजार फीट की ऊंचाई पर थी कि अचानक मौसम खराब हुआ। पायलट का रनवे नजर नहीं आया। लैंडिंग के कई असफल प्रयास करने से ईंधन खत्म हो गया। इसके बाद जहाज 500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पलटियां खाते हुए नीचे आया और समुद्र में गिर गया। समुद्र भी खराब मौसम के कारण अपने ऊफान पर था। ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही थीं, जिन्होंने भी जहाज को अपनी तरफ खींचा और झटके में जहाज करीब 1500 फीट की गहराई में डूब गया।

पानी से भरे जहाज से यात्रियों ने निकलने की कोशिश की, लेकिन जान बचाने की जद्दोजहद में करीब 23 लोग मारे गए। 40 पैसेंजर्स जिंदा बचाए गए, लेकिन उनमें से भी 37 की हालत नाजुक थी। विमान हादसा आज ही की तारीख में 54 साल पहले 2 मई 1970 के दिन हुआ था, जिसकी यादें विमान हादसों के इतिहास में दर्ज हैं और हादसे का शिकार हुए लोगों के जेहन में ताजा हैं। हादसे की जांच हुई तो प्लेन समुद्र में गिरने का कारण मौसमी परिस्थितियों और ईंधन का खत्म होना बताया गया। पैसेंजर्स ने सीट बेल्ट भी नहीं पहनी थी।

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अचानक मौसम खराब होने से सफल नहीं हुई लैंडिंग

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ALM एंटिलियन एयरलाइंस की फ्लाइट 980 ने 2 मई 1970 को न्यूयॉर्क शहर के जॉन एफ. कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सेंट मार्टेन, नीदरलैंड्स एंटिल्स में प्रिंसेस जूलियाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन सेंट क्रोक्स से 48 किलोमीटर दूर लैंडिंग से ठीक पहले ईंधन खत्म हो गया और पायलट को प्लेन की जबरन लैंडिंग (डिचिंग) कैरेबियन सागर के गहरे पानी में करानी पड़ी, लेकिन डिचिंग इस तरह से हुई कि यात्रियों की जान चली गई।

फ्लाइट में 57 पैसेंजर्स और 6 क्रू मेंबर्स थे। कैप्टन बाल्सी डेविट (37), प्रथम अधिकारी हैरी इवांस द्वितीय (25), और नेविगेटर ह्यूग हार्ट (35) प्लेन उड़ा रहे थे। फ्लाइट को 10,000 फीट (3,000 मीटर) तक उतरने की मंजूरी मिली, लेकिन अचानक मौसम खराब हो गया, लेकिन लैंडिंग संभव नहीं हुई। कैप्टन ने सैन जुआन की ओर रुख करने का फैसला किया, लेकिन सेंट मार्टेन के ATC ने मौसम ठीक होने की बात कही और लैंडिंग करने को कहा।

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2 घंटे के रेक्यू ऑपरेशन में बचाए गए 40 पैसेंजर्स

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौसम में सुधार होने के बावजूद सेंट मार्टेन के रनवे पर लैंडिंग संभव नहीं हो पाई। पायलट को रनवे क्लीयर नजर नहीं आ रहा था। लैंडिंग के कई प्रयास करने से कैप्टन ने ATC को ईंधन खत्म होने के बारे में बताया। इसके बाद जहाज तेजी से नीचे समुद्र की ओर जाने लगा। दोपहर करीब 3:49 बजे, सेंट क्रॉइक्स से 30 मील पूर्व में कैरेबियन सागर में प्लेन गिर गया। जब प्लेन पानी से टकराया तो ज्यादातर पैसेंजर्स खड़े थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी।

पानी में गिरते ही जहाज लगभग 5,000 फीट (1,500 मीटर) पानी में डूब गया। बचाव दल को आने से पहले पैसेंजर्स लाइफ जैकेट पहने बर्फ से कहीं ज्यादा ठंडे पानी में, ऊंची-ऊंची और शार्क वाले समुद्र में छटपटाते रहे। करीब 2 घंटे बचाव अभियान चला, लेकिन तब तक 23 लोग दम तोड़ चुके थे। US कोस्ट गार्ड, US नेवी और US मरीन कॉर्प्स की टीमों ने मिलकर पैसेंजर्स का रेक्यू किया। हेलिकॉप्टर्स की मदद से लोगों को बचाया गया।

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