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13000 फीट ऊंचाई, जहाज अचानक जमीन से टकराया और क्रैश होकर टुकड़े-टुकड़े हुआ, 109 लोगों की हड्डियां मिलीं

Today History in Hindi: इंटरनेशनल फ्लाइट में अचानक टेक्निकल फॉल्ट आया और जहाज जमीन से टकराकर क्रैश हो गया। हादसे में करीब 109 लोग मारे गए। हादसास्थल पर जहाज के टुकड़ें और पैसेंजरों की सिर्फ हड्डियां मिलीं। आइए जानते हैं कि कब और कैसे हुआ हादसा?
07:35 AM Jul 05, 2024 IST | Khushbu Goyal
13000 फीट ऊंचाई  जहाज अचानक जमीन से टकराया और क्रैश होकर टुकड़े टुकड़े हुआ  109 लोगों की हड्डियां मिलीं
हादसास्थल पर जहाज का मलबा और लोगों के अवशेष तलाशने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

Air Canada Flight 621 Crash Memoir: एयर कनाडा एयरलाइन की इंटरनेशनल फ्लाइट पायलट की एक गलती के कारण क्रैश हो गई। करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई से जहाज 500 मील की स्पीड से नीचे आया, जमीन से टकराया और उसमें आग लग गई। भीषण अग्निकांड में जहां 100 पैसेंजर्स और 9 क्रू मेंबर्स जिंदा जलकर मारे गए। वहीं जहाज के टुकड़े-टुकड़े हो गए। हादसास्थल पर जहाज के टुकड़ों और जले हुए सामान के साथ सवारियों के सिर्फ चिथड़े मिले।

किसी भी पैसेंजर की लाश पूरी नहीं मिली। शव आग में जलकर राख हो गए थे। ज्यादातर पैसेंजरों की सिर्फ हड्डियां मिलीं, जिनकी शिनाख्त DNA टेस्ट से हुई। इसके बाद ही अवशेष परिजनों को सौंपे गए। हादसे की जांच करने वाले बोर्ड के अनुसार, हादसा पायलट की गलती के कारण हुआ। टेक्निकल फॉल्ट आने से स्पॉइलर खराब हो गया था। पायलट ने उसे एक्टिव करने के लिए जैसे ही जोर लगाकर खींचा, वह निकल गया और जहाज का बैलेंस बिगड़ गया, जिससे वह क्रैश हो गया।

जांच रिपोर्ट में स्पॉइलर से जुड़ी सिफारिशें की गईं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 54 साल पहले 5 जुलाई 1970 को हुआ था। एयर कनाडा फ्लाइट 621 ने डगलस डीसी-8 प्लेन में कनाडा के मॉन्ट्रियल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। टोरंटो एयरपोर्ट पर फ्लाइट का स्टॉपेज था और फ्लाइट को कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में लैंड होना था, लेकिन स्टॉपेज टोरंटो एयरपोर्ट पर लैडिंग करते समय जहाज हादसे का शिकार हो गया। हादसा टोरंटो गोर टाउनशिप में हुआ, जो अब ब्रैम्पटन का हिस्सा है।

हादसे की जांच एक बोर्ड ने की, जिसने 29 जनवरी 1971 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया। 8 सिफारिशें की गईं, जिसमें से एक स्पॉइलर को एक्टिव करने के लिए लीवर को ऐसे डिजाइन करने की मांग थी कि टेकऑफ के दौरान ही इसे एक्टिव किया जा सके। डीसी-8 मॉडल के जहाजों के पंखों और ऑयल टैंक का डिजाइन भी मजबूत करने की सिफारिश की गई। एयर कनाडा के मैनुअल में स्पॉइलर एक्टिवेशन प्रोसेस को शामिल करने और पायलटों को इसकी सही ट्रेनिंग देने की सिफारिश भी की गई।

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जहाज में एक-एक करके 3 बार ब्लास्ट हुए

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में मारे गए लोगों में सबसे ज्यादा 20 मृतक अमेरिका के नागरिक थे। 30 जुलाई 1970 को 49 मृतकों की शिनाख्त हुई, जिन्हें माउंट प्लीजेंट कब्रिस्तान में दफनाया गया। फ्लाइट के कैप्टन पीटर कैमरन हैमिल्टन और फर्स्ट ऑफिसर डोनाल्ड रोलैंड थे। फ्लाइट इंजीनियर हैरी गॉर्डन हिल थे, जिन्होंने टेकऑफ से पहले स्पॉइलर को चेक नहीं किया। लैंडिंग के समय जब स्पॉइलर अटक गया तो फर्स्ट ऑफिसर ने लीवर को झटके के साथ खींच दिया, जिससे वह निकल गया।

इसके बाद कैप्टन ने चारों इंजन स्टार्ट करके स्पीड से लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन जहाज का एक इंजन और पंख टूटकर अलग हो गए। इसके बाद जहाज तेजी से नीचे आया और पिछला हिस्सा जमीन से टकराया। इसके बाद जहाज के तीनों इंजन ब्लास्ट हो गए और आग लगने से जहाज क्रैश हो गया। जहाज में एक के बाद एक 3 ब्लास्ट हुए। जहाज में धमाके के समय इतनी तेज आवाज हुई कि आस-पास घरों के शीशे तक टूट गए थे।

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