9000 फीट ऊंचाई पर जहाज में विस्फोट, भीषण आग लगने के बाद जंगल में गिरा, 113 पैसेंजर जिंदा जलकर मरे
Air France Flight 117 Crash Memoir: 9000 फीट की ऊंचाई पर अचानक जहाज में धमाका हुआ और वह पलटियां खाते हुए जंगल में गिरकर टुकड़े-टुकड़े हो गया। हादसे में प्लेन में सवार सभी 113 लोग मारे गए। पैसेंजरों और क्रू मेंबर्स की जली हुई लाशें जंगल में पड़ी मिलीं। हादसा खराब मौसम के कारण हुआ। भारी बारिश, भयंकर तूफान था और बिजली कड़क रही थी।
पहाड़ी पर बने जंगल में जब बचाव अभियान मलबा तलाशते हुए हादसास्थल पर पहुंचा तो मंजर देखकर उनका दिल दहल गया। मृतकों में फ्रांसीसी गुयाना के दिग्गज नेता जस्टिन कैटाय, कवि और अश्वेत चेतना कार्यकर्ता पॉल नाइजर और उनके साथी वांडा लोसा शामिल थे। नोबेल पुरस्कार विजेता मारियो वर्गास लोसा की चचेरी बहन भी हादसे में मारी गई थीं। 103 पैसेंजरों और 10 क्रू मेंबर्स हादसाग्रस्त लोगों की सूची में शामिल हुए थे।
#OTD in 1962: Air France Flight 117, a B-707, crashes in Pointe-à-Pitre (Guadeloupe), all 113 aboard die. Jet impacted a hill on approach in bad weather. Factors: Navigation (VOR unavailable, incorrect ADF due to thunderstorm), insufficient METAR. pic.twitter.com/2o8j77EAzr
— Air Safety #OTD by Francisco Cunha (@OnDisasters) June 22, 2021
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खराब मौसम में दिशा भटक गया था जहाज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 22 जून 1962 की रात को एयर फ्रांस फ्लाइट 117 का बोइंग 707-328 प्लेन क्रैश हुआ थी। फ्लाइट ने पेरिस के ओर्ली हवाई अड्डे से टेक ऑफ किया था और लिस्बन, अजोरेस, ग्वाडेलोप, पेरू में स्टॉपेज के बाद चिली के सैंटियागो एयरपोर्ट पर लैंड करना था। खराब मौसम के कारण इमरजेंसी लैंडिंग के लिए पायलट ने ATC अधिकारियों से संपर्क किया।
जहाज 5000 फीट (1,524 मीटर) की ऊंचाई पर था, लेकिन अचानक जहाज करीब 9 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया और 15 किलोमीटर (9.3 मील) दूर पश्चिम दिश में भटक गया। इसके बाद अचानक बिजली कड़की, जहाज में धमाका हुआ और वह पलटियां खाते हुए तेजी से नीचे की ओर आया। पहाड़ी से टकराकर जंगल में गिर गया। पेड़ों से टकराते हुए जहाज जमीन पर गिरकर टुकड़े-टुकड़े हो गया। लोगों ने धुंआ निकलते देख पुलिस को फोन किया।
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हादसे से सबक लेकर एयरलाइन ने प्लेन बदले
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पायलटों को मौसम और दिशा की सही जानकारी नहीं मिलने से हादसा हुआ। इस हादसे से पहले ग्वाडेलोप के हवाई अड्डे पर भी 3 जून 1962 को एयर फ्रांस बोइंग 707 प्लेन क्रैश हुआ था। बोइंग एयरक्राफ्ट कंपनी में बतौर परीक्षक का करने वाले पायलट टेक्स जॉनसन ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि एयर फ्रांस के पायलट अपने तय समय से लेट फ्लाइट पर पहुंचते हैं और कई बार वे जहाज की सर्विस भी नहीं कराते थे।
वहीं इस हादसे की 40वीं वर्षगांठ पर साल 2002 में मृतकों की याद में एक स्मारक बनाया गया था। दुर्घटना स्थल तक जाने वाली सड़क का नाम रूट डू बोइंग रखा गया है। एयर फ्रांस ने हादसे से सबक लेते हुए बोइंग 777 प्लेन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
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