21000 फीट ऊंचाई पर जहाज में ब्लास्ट, भीषण आग में जिंदा जलकर मरे 145 लोग, पायलट की एक गलती ऐसे बनी जानलेवा
Vladivostok Air Flight 352 Crash Memoir: पायलट की एक गलती के कारण जहाज क्रैश हुआ और भीषण अग्निकांड में 145 लोग जिंदा जलकर मर गए। 21000 फीट की ऊंचाई पर पायलट ने जहाज से बैलेंस खो दिया। उसने जहाज के योक पर गलत इनपुट दिया, जिससे स्पीड कम हो गई। बैलेंस करने के चक्कर में योक ज्यादा खिंच गया, जिससे जहाज कॉर्कस्क्रू में फंस गया। पायलटों ने जहाज को संभालने की काफी कोशिश की, लेकिन जहाज के इंजन बंद हो गए।
फिर जहाज पलटियां खाते हुए एयरपोर्ट के पास क्रैश होकर गिर गया। जमीन पर गिरते समय जहाज में ब्लास्ट होने से भीषण आग लग गई। हादसास्थल पर पैसेंजरों और क्रू मेंबर्स की जली हुई लाशें, सामान और मलबा मिला। लोगों ने आग का गोला बने जहाज को जमीन पर गिरते देखा। एक महिला ने फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी, जिससे प्लेन क्रैश की घटना के बारे में पता चला। इसे रूस के इतिहास का सबसे घातक विमान हादसा माना गया।
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रूस के इतिहास का तीसरा सबसे भयानक विमान हादसा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विमान हादसा आज से 23 साल पहले 4 जुलाई 2001 को भारतीय समयानुसार रात के करीब 2 बजे हुए। रूस के इरकुत्स्क शहर से लगभग 22 किलोमीटर (14 मील; 12 नॉटिकल मील) दूर बुरदाकोवका बस्ती के पास क्रैश हुए जहाज में आग लगने से सभी 136 यात्री और 9 क्रू मेंबर्स मारे गए थे। आग बुझाने के लिए 180 फायर कर्मियों ने करीब 15 घंटे कड़ी मशक्कत की। 200 लोगों की रेस्क्यू टीम ने सहयोग किया।
हादसास्थल जंगली और दलदली इलाका होने के कारण बचाव अभियान में बाधाएं आईं। जहाज का मलबा और लाशें अलग-अलग जगह पड़ी मिली। रेस्क्यू टीम ने पूरा जंगल खंगाला, तब सभी 145 लाशें मिली। व्लादिवोस्तोक एयरलाइन की फ्लाइट 352 ने रूस के येकातेरिनबर्ग शहर से उड़ान भरी थी और इरकुत्स्क होते हुए व्लादिवोस्तोक में फ्लाइट लैंड होनी थी। टुपोलेव टीयू-154एम प्लेन था। एयरोफ्लोट 3352 और एयरोफ्लोत 217 के बाद रूस के इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा हादसा हुआ था।
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साढ़े 3 घंटे की फ्लाइट एक गलती के कारण क्रैश हो गई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे की जांच कर रही कमेटी ने प्लेन क्रैश की वजह पायलट की गलती को बताया। वह प्लेन में आए टेक्निकल फॉल्ट को लोकेट नहीं कर पाया। गलत जानकारी देने के साथ उसने स्थिति संभालने के लिए गलत स्टेप उठाए और जहाज का इंजन आसमान में ही बंद हो गया। हादसे में मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल थे। ज्यादातर मृतक रूसी थे और 12 पैसेंजर चीन के थे। 48 पैसेंजर इरकुत्स्क जा रहे थे। 88 लोगों ने व्लादिवोस्तोक में उतरना था।
21 पैसेंजर प्रिमोर्स्की क्राय के रूसी शहर आर्टेम के निवासी थे। कुल 9 क्रू मेंबर्स थे, जिनमें 4 कॉकपिट क्रू और 5 केबिन क्रू मेंबर थे। फ्लाइट के कमांडर 51 वर्षीय कैप्टन वैलेंटिन स्टेपानोविच गोंचारुक थे। सेकेंड-इन-कमांड फर्स्ट ऑफिसर सर्गेई अलेक्जेंड्रोविच डिडेंको थे। कॉकपिट में एक नेविगेटर निकोलाई निकोलायेविच सक्रीटिन और फ्लाइट इंजीनियर यूरी अलेक्जेंड्रोविच स्टेपानोव भी थे। मौसम साफ था और इसके खराब होने की भविष्यवाणी भी नहीं थी। 3 घंटे 40 मिनट की फ्लाइट एक गलती के कारण हादसे का शिकार हो गई।